गेहूं की खेती: जैसा की आप जानते हैं की हमारे देश में अभी धान की खेती का सीजन चल रहा है ऐसे में देश के अधिकाँश किसानों ने अपने खेत में धान की फसल लगा रखी है. आने वाला सीजन रबी की फसलों का है यानि की अब किसान धान के बाद गेहूं की खेती करेंगे. इसके लिए आप पहले से गेहूं की अच्छी से अच्छी किश्मों के बारे में जान लें जो अधिक उत्पादन देती हैं.
ये किस्मे देती हैं सबसे ज्यादा उत्पादन
जैसा की आप जानते हैं की हमारे देश में धान के बाद सबसे ज्यादा गेहूं की ही खेती की जाती है. ऐसे में यह सबसे जरुरी बात है की आप गेहूं की अच्चा उत्पादन देने वाली किस्मों के बारे में जान ले.. हमारे देश में कई तरह के गेहूं की खेती की जाती है जैसे सामान्य गेहूं और शर्बदी गेहूं आज कल काले और सुगर फ्री गेहूं की भी खेती की जा रही है. तो आइये जानते हैं गेहूं की ऐसी किस्मो के बारे में जो सबसे अधिक उत्पादन देती हैं. इसमें मुख्यतः सामान्य गेहूं की किस्मे शामिल हैं साथ ही हम आपको शरबती गेहूं की किस्मों के बारे में भी बताने वाले हैं.
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पूसा तेजस
गेहूं की ये किस्म 2016 में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी है. इससे आम गेहूं की किस्म से ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं गेहूं की यह किस्म 70 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर तक का उत्पादन देती है. गेहूं की यह किस्म रोगों के प्रति प्रतिरोधक है. यह विशेष रूप से मध्यभारत में अधिक उत्पादन देती हैं. इसे पकने में करीब 120 दिन का समय लगता है.
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पूसा अनमोल
गेहूं की यह किस्म भी बहुत अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों से एक हैं इससे भी करीब 70 क्विंटल प्रतिहेक्टेर तक का उत्पदान लिया जा सकता है. इसकी बुवाई भी जनवरी के आस पास की जाति है. यह सिंचित क्षेत्रों के लिए अधिक उपयुक्त है.
सुजाता
यह शरबती गेहूं की एक किस्म है. यह रोटियाँ बनने के लिए अधिक उपयुक्त है. इस गेहूं की खेती करने से किसानों को अधिक फायेदा होता है क्योंकि यह अच्छे रेट से बिक जाती है. हालांकि इस गेहूं की उपज थोड़ी सी कम होती है. यह गेहूं की किस्म 50 से 60 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर है. इसकी वजह यह है की यह रोगों के प्रति उतनी प्रतिरोधक नहीं है. इसकी उपज कम है फिर भी किसान अगर इसकी खेती करते हैं तो इससे किसानों को अच्छा फायेदा हो सकता है.
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