अगर आप इस साल चने की खेती करने वाले है तो आपको इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना चाहिए जिससे की आप चने की खेती से अच्छी पैदावार ले सके.
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भारत में चने की खेती
भारत में चने की खेती बहुत ही पहले से ही की जाती है आपको बता दे की चने की उत्त्पत्ति भारत में ही मानी जाती है.प्राचीनकाल से ही भारत में चने की खेती होती आ रही है.तथा आज भी कई किसान चने की खेती करते है.हमारे देश में कई प्रकार के दलहनों की खेती कई है जिसमे से चने की खेती सबसे ज्यादा क्षेत्रफल में की जाती है.तथा चने की कई प्रकार की किस्मे होती है.और कृषि विश्वविद्यालयो ने देश के विभिन्न हिस्सों की जलवायु के हिसाब से चने की कई उन्नत किस्मो को तैयार किया है.उन्होंने ऐसी किस्मो को तैयार किया है जो की उत्पादन तो ज्यादा देती है तथा इनमे रोग भी कम लगता है.इसीलिए अगर आप चने की खेती कर रहे है तो आपको इन किस्मो का उपयोग जरुर करना चाहिए.
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चने की खेती में आने वाली चुनौतिया और उनका समाधान
भारत में चने की खेती काफी मात्रा में की जाती है आपको बता दे की चना एक रबी की फसल है.चने की खेती खरीफ फसलो के कट जाने के बाद भूमि पर संचित नमी के आधार पर अक्टूबर से लेकर नवम्बर में की जाती है.लेकिन आप इसकी बुवाई देर से करना चाहते है तो दिसम्बर से लेकर जनवरी के महीने में भी कर सकते है.इससे होता यह है की जब आप चने की फसल को लेट बोते है तो इसमें मिटटी में नमी की कमी आना,कीट लगना एवं व्याधियाँ आने के साथ साथ गुणवत्ता में भी कमी आने की संभावना रहती है.ऐसे में आपको चने की बुवाई जल्दी कर देना चाहिए.तथा आपको चने की उन किस्मो का बुवाई के लिए उपयोग करना चाहिए जिनमे की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा हो और जो पैदावार भी बढ़िया दे.
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उन्नत किस्में
अगर आप चने की खेती करना चाहते है तो आपको चने की उन्नत किस्मो के बारे में पता होना अतिआवश्यक है हम आपको ऐसी किस्मो के बारे में बताने जा रहे है जो की अच्छी पैदावार तो देते ही है तथा इनमें रोग भी कम लगते है.चने की उन्नत किस्मे कुछ इस प्रकार है:-
- पूसा 10216
- पूसा चना 20211 (पूसा मानव)
- पूसा 3043,
- सुपर एनिगेरी 1
- बीजीएम 4005,
- आईपीसी एल 4-14,
- आईपीसीएमबी 19-3,
- फुले विश्वराज,
- पूसा 256,
- करनाल चना 1
- गणगौर
- गौरी सदभावना
- सूर्या
- अवरोधी
- उदय
- राधे
- अंकुर
- कृपा
- पी.के.वी. हरिता
- अंशुल
- GNG 2144
- JSC 56
- डी.सी.पी. 92-93
- विजय, जेजी 315
- जेजी 16
- जेजी 130
- पूसा 391
- दिग्विजय
वहीं इसके अलावा काबुली चने की प्रमुख उन्नत किस्में कुछ इस प्रकार है:-
- जेजीके 6
- आर.एल बीजीके 963
- पूसा 2085
- पूसा 5023
- पूसा चमत्कार
- पूसा 1105
- पूसा 1188
- पूसा 1108
- पूसा 3022
- बीजीडी 128,
- पूसा काबुली 1003,
- जेजीके 1
- जेजीके 5
- आई.सी.सी.वी. 32
- जवाहर चना 1
- शुभ्रा
- उज्ज्वल
- पी.के.वी. काबुली 4
- कोटा काबुली चना-3
- पंत काबुली चना 1
- M.N.K. 1
- राज विजय
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