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अमरुद की खेती पर मंडरा रहा ख़तरा जानिए कैसे हो सकता है इससे बचाव

अगर आप एक किसान है तथा अमरुद की खेती करते है तो आपको बता दे की अभी अमरुद में कई प्रकार के कीड़ें लगने की संभावना हैं. तथा किस तरीके से आप इनसे बचाव कर सकते है यह जानने के लिए पोस्ट को पूरा ध्यान से पढ़े

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क्या है अमरुद की फसल को खतरा

जैसा की आप जानते है की अमरूद भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय फल है. तथा देश में कई लोग अपने बगीचे तथा घरो में आम तथा अमरूद के पौधो को लगाते हैं. तथा जब यह पौधे पेड़ बन जाते हैं तथा कई लोग अमरूद की खेती भी करते है एवं इसे बेचकर बहुत अच्छा खासा पैसा भी कमाते हैं. अगर आप भी अमरुद की खेती करते है तो आपको बता दे की लेकिन आपको बता दे की इस साल अमरुद की फसल में कई ऐसे कीड़े लग रहे हैं जो की अमरूद के फलों के साथ साथ अमरुद के पेड़ो को भी भारी नुक्सान पहुंचा सकते हैं.जो की अमरुद की खेती करने वाले किसान है उनके लिए यह बहुत ही चिंता की बात है यह कीड़े अमरुद को बहुत ही ज्यादा नुक्सान पहुंचाएंगे जो की आर्थिक द्रष्टि से किसानो के लिए बहुत ही बुरा होगा.इसीलिए इससे बचाव करना बहुत ही आवश्यक है अगर आप जानना चाहते है की इससे बचाव करने के उपाय क्या क्या है तो पोस्ट को आगे तक अवश्य पढ़े आगे हम आपको इन कीड़ो के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे एवं इससे बचाव के तरीके भी बताएँगे जिससे की आप अपनी फसल को बचा सके एवं स्वयं भी आर्थिक नुक्सान से बच सके.

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जाने कौन कौन से कीड़ें लगते है अमरुद में

अगर आप अमरुद की खेती करते है तथा आप भी जानना चाहते है की आखिर अमरुद में कौन कौन से कीड़े लगते है एवं ये किस तरह से अमरुद कों नुक्सान पहुंचाते है तो आपको बता दे की अमरुद में कई तरह के कीड़े लगते है जो की अमरुद को बहुत ही ज्यादा नुक्सान पहुंचाते है इसमें एक अमरूद फल मक्खी लगती है जिसे बैक्ट्रोसेरा करेक्टा भी कहते है यह मक्खी अमरूद के फल में अंडे देती है जिसकी वजह से अमरूद के फलो का भरी मात्रा में नुकसान होता है यह फल को पूरी तरह से इस तरह से ख़राब करता है की अमरुद का फल खाने के लायक ही नही बचता हैतथा अमरुद में एक कीट और लगता है जिसे अमरूद कीट या आर्गिरेस्टिया यूजेनिएला भी कहते है इस कीट में बनने वाला लार्वा अमरूद के फल को खाता हैं, जिसके कारण फल की बहुत ही ज्यादा आंतरिक क्षति होती है. जिसके कारण अमरूद के फल सड़ने शुरू हो जाते हैं.  तथा इसमें माइलबग्स नाम के कीट भी लगते है जो की   छोटे तथा मुलायम शरीर वाले कीड़े होते हैं. ये कीट अमरूद की पत्तियों के रस को चूस लेते हैं. जिस करें पत्तो में पीलापन तथा मुरझाहट आ जाती है. इसके अलावा ये कीड़े अमरूद के विकास में भी अवरोध पैदा करते हैं. इसके अलावा इसमें स्केल नामक कीड़े भी लगते है ये कीड़े छोटे तथा गतिहीन कीड़े होते हैं जो की अमरूद के पेड़ों की पत्तियों व तनों से जुड़ जाते हैं तथा पौधे के रस को चूस लेते हैं. इसके कारण भी अमरुद के पेड़ की पत्तियां पीली हो जाती हैं.और फिर मुरझाने भी लगती हैं. इसके अतिरिक्त इन कीड़ों के कारण पेड़ के स्वास्थ्य को भी बहुत नुकसान पहुंचता है. तथा अमरुद में एफिड्स नाम के कीड़े भी लगते है जिनका आकार छोटा तथा नाशपाती के समान होता हैं. जो अमरूद की पत्तियों व तनों के रस को ही अपना भोजन बना लेते हैं. इनमे प्रजनन की क्रिया बहुत ही तेजी से करते हैं तथा पत्तियों के मुड़ने और विकास को रोकते हैं. और अमरुद के पेड़ो में सफेद मक्खियां भी लगती है की आकार में तो बहुत छोटी होती है. इसके बावजूद भी ये अमरूद को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. ये अमरुद की पत्तियों से रस चूसते हैं.तथा इन सब की वजह से भारी संक्रमण के कारण अमरुद के पेड़ की पत्तियां पीली पड़ने के साथ मुरझा जाती हैं. इनके प्रभाव से पत्तियों पर काली कालिखदार फफूंद की भी काफी वृद्धि होती है.

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बचाव के तरीके

अगर आप अमरुद की खेती करते है तो आपको यह तो ज्ञात हो ही गया होगा की अमरुद में लगने वाले ये अमरुद को कितनी बुरी तरह से नुक्सान पहुंचा सकते है इसीलिए इन कीटो से बचाव करना बहुत ही जरुरी है अगर आप जानना चाहते है की इन कीड़ो से किस प्रकार से आप अपने अमरुद को बचा सकते है तो आपको अमरुद को बचाने के लिए निम्न तरीको को अपनाना बहुत ही लाभदायक होगा

  1. पेड़ को संक्रमण से बचाने के लिए आपको नियमित रूप से अपने अमरूद के पेड़ों का निरीक्षण करते रहना चाहिए.
  2. कीड़ों के प्रसार को रोकथाम के लिए पेड़ से सभी संक्रमित शाखाओं या फलों को काटकर हटा देना चाहिए.
  3. आपको समय समय पर विशेषज्ञों के निर्देशों का पालन करते हुए पेड़ों के लिए विशेष रूप से तैयार किए हुए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करते रहना चाहिए . इसके साथ ही आपको यह सुनिश्चित करते रहना चाहिए कि इन्हें अनुशंसित समय के दौरान लगाया जाए. इसके अतिरिक्त, फूल आने के दौरान या फल आने पर छिड़काव करने से बचना चाहिए.
  4. लेडीबग्स तथा लेसविंग्स जैसे लाभकारी कीड़ों को प्रोत्साहित करना चाहिए. जो की स्वाभाविक रूप से एफिड्स तथा माइलबग्स जैसे कीटों का शिकार करते हैं. आप पास में गेंदा या डिल जैसे पौधे को लगाकर इन्हें आकर्षित किया जा सकता हैं.
  5. आपको पेड़ के चारों ओर गिरी हुई पत्तियों, फलों तथा मलबे को हटाकर स्वच्छता बनाकर रखना है. क्योंकि ये कीटों को और अधिक बढ़ा सकते है.
  6. फल मक्खियों तथा अन्य उड़ने वाले कीड़ों से पेड़ को बचाने के लिए कीट जाल जैसी चीजों का उपयोग करना बहुत ही अच्छा रहेगा.

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