अगर आप किसान है तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए है जैसा की आप जानते है की पिछले कई सालों से हल्दी के भाव में लगातार ही गिरावट ही आती रही है जिसकी वजह से जो किसान हल्दी का उत्पादन करते थे वे अक्सर ही निराश ही रहते थे . किन्तु अब लगभग 10 साल बीत जाने के बाद किसानों को हल्दी पर अच्छी कीमत मिल रही है.
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कौन कौन से उत्पाद हुए है महंगे
जैसा की आपको पता है की टमाटर के भाव में कितनी बढ़ोत्तरी रही है जिसके कारण अभी तक की कीमतों की तुलना में अभी रही कीमत रिकॉर्ड बनाने वाली रही है लेकिन अब टमाटर की कीमतों के बाद जीरे की कीमत भी बहुत अधिक बढ़ चुकी है. जिन किसानो ने इस वर्ष जीरे का उत्पादन किया था उनमे ख़ुशी की अलग ही लहर है क्योकि जीरा अब इस समय 60 हजारी बन चुका है. तथा जीरे की कीमत के बढ़ने के बाद अब हल्दी की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी देखी गयी है.यदि आप किसान है तथा आपने हल्दी की खेती करी है तो आपको पता ही होगा की बीते हुए पिछले कई सालों से हल्दी के भाव लगातार ही गिरावट आ रही थी जिससे की हमारे देश के हल्दी उत्पादक किसान बहुत ही ज्यादा निराश थे.अभी लगभग पूरे 10 सालों के बाद जो किसान हल्दी का उत्पादन करते थे उन्हें इस साल हल्दी पर बहुत ही अच्छी कीमत मिल रही है जिससे की किसानो को बहुत ही ज्यादा मुनाफा हुआ है. इस साल हिंगोली के कुरुंदा मार्केट में हल्दी के भाव 19 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गए है.
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क्या रहेंगे भविष्य में हल्दी के भाव
जैसा की आप जानते है की इस समय हल्दी के भाव आसमान छू रहे है जिससे आम आदमी को तो काफी ज्यादा परेशानी हो रही है क्योकि अभी इस समय हल्दी के ही नही बल्कि जीरे सौंफ तथा टमाटर जैसी अन्य कई हरी सब्जिया भी काफी महँगी बिक रही है लेकिन हल्दी के दाम इतने अधिक हो जाने से जो किसान हल्दी का उत्पादन करते थे और उन्होंने इस साल हल्दी का उत्पादन किया था वे हल्दी के इतने अच्छे दाम मिल जाने की वजह से हल्दी उत्पादक किसान बहुत ही खुश हैं. अगर आप जानना चाहते है की अभी जो हल्दी के भाव है वे आगे और भी बढ़ेंगे या कम हो जायेंगे तो आपको बता दे की अभी व्यापारियों के कहे अनुसार तो हल्दी के भाव में और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. ऐसे में किसानों के लिए यह लाभदायक होगा की वे अपनी उपज को धीरे-धीरे करके बेचे.आगे चलकर हल्दी के भाव बढ़ने से किसानो को बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा.
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क्या रहे हल्दी के रेट के प्रभाव
हल्दी के भाव बढ़ने से हल्दी का उत्पादन करने वालो किसानो को बहुत ही फायदा हुआ है हल्दी की खेती करके कई किसानो ने लाखो की फसल बेचीं है जिसका उदाहरण है कुरुन्दी गांव के निवासी किसान सदाशिव गवली जिन्होंने पिछली साल हल्दी की खेती 10 एकड़ में की थी. जिसके साथ ही उनको इस उनको 19 हजार रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला.जो की उनके लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी रहा उन्होंने कुरुंदा की मंडी में कुल 21 क्विंटल हल्दी बेची. कुल मिलाकर उन्हें 3 लाख 99000 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई.
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हल्दी के अलावा इन उत्पादों के भी बढे रेट
अगर आप किसान है तथा आप जानना चाहते है कि क्या हल्दी के अलावा अन्य चीजों के रेट भी बढे है तो आपको बता दे की अभी हल्दी के अलावा जीरे के रेट में काफी बढ़ोतरी हुई है. आपको बता दे की राजस्थान राज्य के नागौर में जीरे के भाव 64 हजार रुपये प्रति क्विंटल पार हो चुका है. ऐसी स्थिति में जीरे की बढती हुई मांग को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसका भाव 70 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक भी पहुंच जाए तो भी इसमें कोई हैरानी की बात नही है. अभी जीरे के बढ़ते भाव को देखते हुए किसानों के अन्दर ख़ुशी की अलग ही लहर है. किसान बड़े पैमाने पर अपनी फसल को मंडी लेकर जा रहे हैं. तथा आपको बता दे की समय जीरे के साथ-साथ ईसबगोल के भाव में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है इस बार इसका भाव 27 हजार 100 रुपये प्रति क्विंटल रहां हैं. वहीं दूसरी ओर सौंफ के भाव भी 28 हजार प्रति क्विंटल है. इस साल जीरा, सौंफ तथा ईसबगोल की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक तौर पर बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ है.