अगर आप एक किसान है तथा आप एक ऐसी फसल की खेती करना चाहते है जो की आपको एक बढ़िया सा मुनाफा दे सके.तो इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़े.
यह भी पढ़े:-80-100 के रेट पर सरकार करेगी दूध की खरीद, किसानो को होगा बम्पर मुनाफा
आखिर कौन सी है ये फसल
अगर आप एक किसान है तथा आप एक ऐसी फसल के बारे में जानना चाहते है जिससे की आपको एक अच्छा मुनाफा मिल सके तो आज हम आपको रागी की खेती के बारे में बताना चाहेंगे इसका नाम मोटे अनाज की खेती में काफी विशेष है.रागी को कई अन्य नामो जैसे की मडुआ,फिंगर बाजरा,लाल बाजरा तथा अफ्रीकन रागी से भी जाना जाता है.आपको बता दे की इसकी खेती मुख्य रूप से अफ्रीका तथा एशिया महाद्वीप में होती है.इसके पौधे की लम्बाई लगभग एक से लेकर डेढ़ मीटर तक होती है.भारत में इसकी खेती कर्नाटक,तमिलनाडु,ओडिशा,बिहार,झारखण्ड,आंध्रप्रदेश,महाराष्ट्र तथा उत्तराखंड में की जाती है.
यह भी पढ़े:-पशुओ पर आया घोर संकट,हो जाइये सावधान
रागी(मडुआ) की खेती
अगर आप रागी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो आपको इसकी खेती से जुडी जानकारिया जैसे की इसकी खेती किस मौसम एवं जलवायु में की जाती है तथा इसकी खेती कौन सी मिटटी में होती है, जमीन का पी एच मान कितना होना चाहिए ,इसके खेत को कैसे तैयार किया जाना चाहिए और इसकी बुवाई कब करनी चाहिए.आपको बता दे की इसकी खेती भारत में लगभग पिछले 4000 साल से की जा रही है.इसकी खेती को शुष्क मौसम में किया जाता है.इस फसल की सबसे अच्छी बात यह है की यह सूखे के प्रभाव को सहन कर सकती है तथा यह थोड़े बहुत जलभराव को भी आसानी से झेल सकती है.इसकी खेती शुष्क जलवायु में की जाती है.इसकी खेती ऊँचे इलाको में की जाती है जहाँ पर 50 से ९० सेमी के बीच होती है. आप जिस भी खेत में इसकी खेती करना चाहते है उस खेत की मिटटी का पी एच मान 5.5 से लेकर 8 के बीच में होना जरुरी है.इसकी खेती करने के लिए कार्बनिक पदार्थों से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है.तथा इसकी खेती काली मिटटी जिसमे की जल निकासी की उत्तम व्यवस्था हो,में भी की जा सकती है.बात करे इसकी बुवाई की तो इसकी बुवाई मई महीने के आखिरी से लेकर जून के महीने तक की जाती है.कई इलाको में इसकी खेती जून के बाद भी होती है.
यह भी पढ़े:-ज्यादा मुनाफे के लिए करे इस फसल की खेती, 5000 रुपये…
कैसे करे इसकी खेती
अगर आप रागी की खेती करना चाहते है तो आपको यह पता होना जरुरी है की इसकी बुवाई से पहले आपको किस तरह से खेत की तैयारी करना है.तथा किस तरीके से बुवाई करना है.तथा इसकी सिचाई कब कब करना है.तथा इसमें खाद कब और कितना देना है.अगर आप इन सब के बारे में जानना चाहते है तो आपको बता दे की इसकी बुवाई करने से पहले आपको मिटटी पलटने वाले हल से खेत की जुताई करके खुला छोड़ देना है जिससे की पुरानी खरपतवार आदि नष्ट हो जाये.उसके बाद आपको खेत में गोबर से बनी खाद को डालकर खेत की जुटी करके पलेवा कर देना है.तथा जब खेत की उपरी सतह सूख जाये तो आपको 2 से 3 बार आड़ी तिरछी जुताई कर देनी है.उसके बाद रोतावेटर चलाकर मिटटी को भुरभुरा बनाकर खेत में बीज बोने के लिए समतल कर देना है.अब बात करे इसकी बुवाई की तो इसकी बुवाई में बीज की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है की आप आखिर कौन सी विधि से बुवाई कर है.जैसे की यदि आप इसकी बुवाई ड्रिल विधि से करते है तो 10 से लेकर 12 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीजो की जरुरत पड़ेगी.और यदि आप छिडकाव विधि से बुवाई करेंगे तो आपको 5 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीजो की आवश्यकता पड़ेगी.तथा बीज को उपचारित करने हेतु आप थीरम,बाविस्टीन या कैप्टेन नामक दवा का इस्तेमाल कर सकते है. अब बात करे इसकी फसल में सिचाई कितनी करनी है तो आपको बता दे की आपको रागी की फसल में सिचाई की ज्यादा जरुरत नही पड़ती है.अगर वर्षा सही समय पर न्होई होती है तो आपको एक महीने बाद इसमें सिचाई करनी पड़ेगी.तथा जब फसल में फुल और दाने आते है तब आपके खेत में पर्याप्त नमी की जरुरत होती है. सामान्यत; आपको इसमें 10-15 दिन के अन्तर से इसकी सिंचाई करते रहना है.रागी की फसल में आपको 40 से 45 कि.ग्रा. नाइट्रोजन तथा 30 से 40 कि.ग्रा., फॉस्फोरस एवं 20 से 30 कि.ग्रा. पोटाश की प्रति हेक्टेयर की हिसाब से आवश्यकता होती है. आपको सभी खादों के मिश्रण को तैयार करके बुवाई के समय खेत में डाल देना है.यदि आप रागी की फसल से अच्छी पैदावार लेना चाहते है तो आपको बुवाई से पहले खेत में गोबर की खाद का इस्तेमाल करना है.तथा आपको रागी की फसल की समय पर आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई करते रहना है.रागी की फसल लगभग 120 दिनों में काटने के लिए तैयार हो जाती है.आपको इसकी बालियों को काटकर 3 से 4 दिन तक सुखाना है.तथा सूखने के बाद थ्रेशिंग कर लेना है.
यह भी पढ़े:-सोयाबीन की फसल पर मंडरा रहा खतरा,ऐसे करिए फसल का बचाव
इन किस्मो की करे खेती
वैसे तो आपको बाजार में रागी की बहुत सारी किस्म मिलेंगी. लेकिन हम आपको ऐसी किस्मो के बारे में बताएँगे जो की कम समय में अधिक पैदावार देती है. जिनमें जेएनआर 852, जीपीयू 45, चिलिका , जेएनआर 1008, पीइएस 400, वीएल 149, आरएच 374 आदि रागी की उन्नत किस्मे है. इन सबके अतिरिक्त अन्य उन्नत किस्में भी है ई.सी. 4840, निर्मल, पंत रागी-3 (विक्रम) आदि.
कितनी मिलेगी पैदावार
अगर आप जानना चाहते है की रागी की फसल कितना उत्पादन देगी तो आपको बता दे की इसकी पैदावार 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. बात करे इसके भाव की तो इसके भाव लगभग 3000 रूपये प्रति क्विंटल होते है. इस प्रकार आप 75 हजार रूपये तक कमा सकते है.और यदि आप दो हेक्टेयर में इसकी खेती करते है तो आप डेढ़ लाख रूपये तक कमा सकते है.
यह भी पढ़े:-इस सब्जी की करे खेती सेहतमंद होने के साथ साथ स्वाद…