हेल्लो दोस्तों अगर आप पैसे को इन्वेस्ट करते है तो अभी मार्केट में एक ऐसी भी स्कीम है जो एफ डी से ज्यादा रिटर्न देती है एवं इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही सुरक्षित होता है यह कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ रिटायरमेंट के लक्ष्य को साधने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। लेकिन यदि आप सिर्फ सरकारी नियमों के अनुसार इसमें सिर्फ न्यूनतम निवेश यानि 12% ही करते रहेंगे तो हो सकता है कि आपके रिटायर होने तक आपको उतने अच्छे रिटर्न न मिले , जितनी की उस समय आपको जरूरत होगी। ईपीएफ की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि एक निर्धारित की हुई सीमा तक इसमें निवेश बढ़ाने पर बतौर ब्याज के साथआने वाली आय पर आपको टैक्स नही देना होता है। अधिकतर दूसरे निवेश से जो भी आय आती है उस पर टैक्स लगता है तथा इनमें छूट या कटौती की शर्तें भी शामिल होती हैं। ऐसी स्थिति में ये बेहतर होगा कि ईपीएफ में जितना ज्यादा हो सके निवेश करें तथा यह भी सुनिश्चित कर ले कि इस फंड में आपका पैसा बढ़ता ही रहना चाहिए।आपके रिटायर होने के बाद आपको आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े, और आप इसके लिए एक लम्बे समय के लिए निवेश कर रहे होंगे। इनमे ईपीएफ, पीपीएफ, एनपीएस, इक्विटी तथा डेट फंड आदि शामिल हैं। ईपीएफ में कम से कम निवेश करना ही अनिवार्य है, लेकिन इसे अधिकतम सीमा तक ले जाना एक सही फैसला साबित हो सकता है कारण जानने के लिए पोस्ट को पूरी पढ़े
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प्राइवेट कर्मियों के लिए क्या है निवेश करने की सीमा
यदि आप किसी प्राइवेट संगठन या कंपनी में कार्यरत करते हैं तो पीएफ में टैक्स न लगने वाले निवेश की सीमा 2.50 लाख रुपए प्रतिवर्ष है। इसमें ईपीएफ व वालंटरी प्रॉविडेंड फंड (वीपीएफ) शामिल है। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष है। यदि आप इस सीमा से अधिक निवेश करन चाहते हैं तो कर सकते है, लेकिन आप सीमा से अधिक निवेश करेंगे उसके लिए आपको टैक्स देना होगा।
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इस तरह से बढ़ाएं ईपीएफ में निवेश
यदि आप ईपीएफ में निवेश को बढ़ाना चाहते है तो इन बिन्दुओ को फॉलो करे
- आपको यह जरुर देखना होगा कि ग्रॉस सैलरी से कटौती में ईपीएफ में आवश्यक इन्वेस्टमेंट (बेसिक+डीए का 12%) की हिस्सेदारी कितनी है।
- यह हिसाब अवश्य लगाएं कि देनदारियों, आवश्यक खर्च और अन्य जगह इन्वेस्ट करने के बाद वीपीएफ में आपकी निवेश की कितनी क्षमता हैं।
- इस बात का ध्यान जरुर रखा जाए कि ईपीएफ में 2.50 लाख रुपए तक के बिना टैक्स के इन्वेस्टमेंट में से आपको अनिवार्य निवेश को घटाना पड़ेगा।
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आखिर क्या लाभ है वीपीएफ में निवेश करने से
- इसमें सबसे पहला लाभ आपको यह मिल जाता है की आपको इसमें निवेश के लिए नियोक्ता को योगदान करने की आवश्यकता नही पड़ती है, जैसे कि आपको ईपीएफ में पड़ती है।
- आपको जितना ब्याज ईपीएफ पर (अभी 8.15%) मिलता है। उतना ही वीपीएफ में मिलता है
- यदि आप वीपीएफ में निवेश पर करते है तो आपको धारा 80 सी के अंतर्गत टैक्स नहीं पे करने का फायदा भी मिल जाता है।
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अगर आपकी बेसिक सैलरी+डीए 40,000 रुपए है तो
- ईपीएफ में अनिवार्य सालाना निवेश
- (40,000 का 12%)x12 = 57,600 रु.
- वीपीएफ में अधिकतम टैक्स-फ्री निवेश
- 2,50,000-57,600 = 1,42,000 रु.
- यानी यदि आप वीपीएफ में 1.42 लाख रुपए प्रतिवर्ष निवेश करेंगे तो ब्याज से जो आय आपको प्राप्त होगी उस पर आपसे टैक्स की वसूली नही की जायेगी ।
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आखिर कैसे करे वीपीएफ में निवेश
इसके लिए आपको कंपनी के मानव संसाधन विभाग (एचआर) से बात करनी पड़ेगी एचआर की सहायता से आप वीपीएफ खोल खाते को खोल सकते हैं। आपको अपने वेतन का कितना योगदान बढ़ाना है, इसके बारे में एक फॉर्म को भरकर एचआर के पास जमा करवाना पडेगा ।
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