HomeAgricultureसोयाबीन की फसल पर मंडरा रहा खतरा,ऐसे करिए फसल का बचाव

सोयाबीन की फसल पर मंडरा रहा खतरा,ऐसे करिए फसल का बचाव

अगर आप एक किसान है तथा आपके खेत में इस साल सोयाबीन की फसल है तथा आपके सोयाबीन की फसल में यह वाले कीट लगे है तथा आप इन पर नियंत्रण करना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़े इसमें हम आपको इन कीटो पर नियंत्रण करने के उपायों के बारे बताएँगे.

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कैसे बचाए सूखे से सोयाबीन को

अगर आप किसान है तो आपको बता दे की कई स्थानों पर जहाँ सोयाबीन की फसल है और वहां पर बारिश कम हुई है.जिसकी वजह से कई खेतो में नमी की काफी ज्यादा कमी आई है. यदि आपके पास सिंचाई की व्यवस्था है तो आपको सोयाबीन में सिंचाई करना शुरू कर देना चाहिए ऐसे समय में यदि आप इसकी सिंचाई नही करते है तो आपके खेत में दरार पड सकती है ऐसे में आपको सोयाबीन का सूखे से बचाव करना जरुरी है.तथा सिंचाई के साथ ही आपको इसके बचाव के अन्य उपाय जैसे की भूसे की पलवार( मात्रा 5 टन प्रति हेक्टेयर) करवा सकते है.तथा यदि आपके खेत में चूहे है और आपकी फसल को नुक्सान पहुंचा रहे है तो आपको चूहों के लिए फ्लोकोउमाफेन 0.005% रसायन से बने प्रति हेक्टेयर  15 से 20 बेट/हे. को चूहों के बिलों के पास रख देना है.

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कैसे करें सोयाबीन फसल में रोगो का नियंत्रण

अगर आप एक किसान है और आप सोयाबीन की खेती कर रहे है तथा आप सोयाबीन में लगने वाले फफून्द्जनित रोगों से परेशान है तो अब आपको इसकी चिंता करने की कोई जरुरत नही है क्योकि यदि आप अपनी फसल में टेबुकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली प्रति हेक्टेयर) या टेबुकोनाझोल 10% तथा सल्फर 65 % WG (1250 ग्राम प्रतिहेक्टेयर ) अथवा कार्बनडाजिम  तथा मेन्कोजेब 63% WP (1250 ग्राम प्रतिहेक्टेयर) अथवा पिकोक्सीस्ट्रोबिन 22.52% w/w SC (400 मिली प्रतिहेक्टेयर) अथवा फ्लुक्सापयोक्साड 167 g/l तथा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 333 g/l SC (300 ग्राम प्रतिहेक्टेयर) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन 133 g/l  तथा इपिक्साकोनाजोल 50 g/l SE (750 मिली प्रतिहेक्टेयर) में से किसी एक अनुशंसित फफूंदनाशकों का तुरंत छिडकाव करते है तो आप इस तरह के रोगों से आसानी से निजात पा सकते है। तथा आप इससे एंथ्राक्रोज, राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट जैसे फफूंदजनित रोगों पर भी नियंत्रण पा सकते है। तथा यदि आपको सोयाबीन की फसल में पीले मौजेक वायरस के लक्षण दिखते है तो आपको इन रोगग्रस्त पौधे को तुरंत अपने खेत से उखाड़कर फेंक देवे तथा आपको अपने खेतो में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप अवश्य लगाए तथा इस वायरस के नियंत्रण के लिए आप एसिटेमीप्रीड 25% या बायफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्रा. प्रतिहेक्टेयर) का छिडकाव भी कर सकते है तथा आप इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली प्रतिहेक्टेयर) या बीटासायफलुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली प्रतिहेक्टेयर) छिड़काव भी कर सकते है क्योकि इसका छिडकाव करने से तना सफ़ेद मक्खी का नियंत्रण भी किया जा सकता है.

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ऐसे कर सकते है आप जेवेल बग कीट पर नियंत्रण

आपको बता दे की अभी इस समय मध्यप्रदेश के कुछ जिलो में कुछ स्थानों पर सोयाबीन की फसल में सोयाबीन का रस चूसने वाले कीट जिसका नाम जेवेल बग है,का प्रकोप देखा जा रहा है.जो की हमेशा नही होता है यह कभी कभी ही होता है.यदि आप इस पर नियंत्रण करना चाहते है तो आपको पुर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोकसम 12.60% तथा लैंब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली प्रतिहेक्टेयर) अथवा बीटासायफ्लुथ्रिन तथा इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली. प्रतिहेक्टेयर) अथवा आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली.प्रतिहेक्टेयर) अथवा इंडोक्साकार्ब 15.88 ई.सी.(333 मि.ली.) का छिड़काव करना है। तथा तना पर लगने वाली मक्खी पर नियंत्रण हेतु आप इन्ही रसायनों का कर सकते है।

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सोयाबीन की फसल हेतु अन्य सुझाव

अगर आप सोयाबीन की खेती करने वाले किसान है तो आपको कुछ निम्न तथ्यों का ध्यान रखना है.

  • तम्बाकू की इल्ली तथा चने की इल्लियों की रोकथाम हेतु कीट–विशेष फेरोमोन ट्रैप या प्रकाश प्रपंच अवश्य लगायें तथा आपको इनके सेप्टा लगाने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना है की आपके हाथ स्वच्छ है या नही।
  • जैविक सोयाबीन की खेती करने वाले किसान है तो आपको पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा के लिए शुरुआती अवस्था में ही नियंत्रण के लिए बेसिलस थुरिंजीएनिसिस या ब्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1.0 ली.प्रति हेक्टेयर) का छिड़काव करना है।
  • कीट भक्षी पक्षियों द्वारा इल्लियों को खाने से होने वाले नियंत्रण को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए सोयाबीन के खेत में पक्षियों की बैठने के लिए “T” आकार के बर्ड – पर्चेस को जरुर लगाना चाहिए। ऐसा करने से इल्लियो के नियंत्रण में आपको काफी मदद मिलेगी।
  • आपको अपने खेत में निगरानी अच्छे से करना है तथा आपको खेत में जाकर 3 से 4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करना है कि क्या आपके खेत में इल्ली या कीट तो नही है यदि है तो आपको उसके अनुसार नियंत्रण के उपायों को अपनाना है.
  • सोयाबीन की फसल घनी होने की वजह से चक्र भृंग होने की ज्यादा संभावना होती है, इसके लिए आपको शुरुआती अवस्था में ही एक (एक सप्ताह के अंदर) दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई / लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को तने से तोड़कर जला देना है या अपने खेत से बाहर कर देना है।

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