हेल्लो दोस्तों अगर आप एक किसान है तथा आप इस साल सोयाबीन की खेती कर रहे है तो अब आप सतर्क हो जाइये क्योकि मध्यप्रदेश में सोयाबीन की फसल में एक नया रोग देखा जा रहा है अगर आप इस रोग से अपनी सोयाबीन की फसल के बचाव के तरीके जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए.
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आखिर क्या है यह रोग
अगर आप एक किसान है तथा आपने इस साल सोयाबीन की बुवाई करी है तो आपको बता दे की इस साल आपकी फसल पर एक खतरा मंडरा रहा है आपको इस खतरे के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए एवं इससे बचाव के उपाय पता होना भी जरुरी है ताकि आप समय रहते अपनी फसल पर इस रोग के प्रभाव पड़ने से बचा पाए क्योकि अगर आप समय रहेते इस रोग की रोकथाम नही कर पाए तो यह आपकी फसल को बहुत बुरे तरीके से प्रभावित कर देगा यदि आप जानना चाहते है की आखिर इस साल सोयाबीन की फसल में कौन सा रोग लगा हुआ है तो आपको बता दे की इस साल सोयाबीन की फसल में एन्थ्राक्नोज नामक फफूंद का प्रकोप सोयाबीन की फसल पर छाया हुआ है, सोयाबीन की खेती करने वाले किसानो के लिए यह बहुत ही चिंता का विषय बना हुआ है.
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कैसे करे इस रोग की पहचान
अगर आप सोयाबीन की खेती करने वाले किसान है तो आपके लिए बहुत यह बहुत ही चिंताजनक मामला है क्योकि यह एक रोग आपके सोयाबीन की फसल को बर्बाद कर देगा जो की आपके लिए आर्थिक रूप से काफी नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है समय रहते ही आपको इस रोग की रोकथाम करनी होगी अन्यथा यह आपकी फसल को बुरी तरह से नुक्सान पहुंचाएगा जो की एक बहुत ही बुरी बात है लेकिन इसके लिए आपको समय रहते यह पता करना जरुरी है की यह रोग आपकी सोयाबीन की फसल में है या नही अगर आप जानना चाहते है की आपको कैसे पता करना है की आपकी फसल में यह रोग है या नही तो आपको बता दे की इस रोग से प्रभावित होने वाली सोयाबीन की फसल के पौधो में छोटे, पीले पानी वाले धब्बे हो जाते हैं जो की बहुत ही तेजी से बड़े हो जाते है और ये भूरे रंग के हो जाते हैं। तथा इस तने पर लम्बे आकार के घाव विकसित हो जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप अक्सर पौधे मर जाते हैं। इसके लिए भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान- इंदौर द्वारा जो किसान सोयाबीन की खेती कर रहे है उन्हें साप्ताहिक अवधि के लिए आवश्यक सलाह दी गई है। संस्थान के द्वारा किसानों को एन्थ्राक्नोज नामक फफूंदजनित रोग से सोयाबीन की फसल को बचने की सलाह दी गयी हैं।
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कैसे करे इस रोग से बचाव
अगर आप एक किसान है तथा आपके खेत में इस साल सोयाबीन की फसल है तो आपको सचेत हो जाने की आवश्यकता है क्योकि इस साल सोयाबीन की फसल में मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में एन्थ्राक्नोज नामक फफूंदजनित रोग के लक्षण देखने को मिले हैं। जो की किसानो के लिए बहुत ही चिंताजनक बात है जिन क्षेत्रो में अभी लगातार बारिश का होना जारी हैं उन किसानो के लिए यह बहुत जरुरी है की वे अपनी सोयाबीन की फसल पर हर समय निगरानी रखे एवं जैसे ही आपको इस रोग के लक्षण दिखाई दे तो आपको इस रोग पर नियंत्रण करने के लिये आपको जितना जल्दी हो सके आपको टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हेक्टेयर) अथवा टेबूकोनाझोल 10%+सल्फर 65%WG (1250 ग्राम/हेक्टेयर) अपने सोयाबीन फसल में छिडकाव कर देना है। ताकि आप इस रोग से भलीभांति इस रोग से बचाव कर सके.