अगर आप किसान है तथा आपके खेत में इस समय सोयाबीन की फसल है तो आपको सावधान हो जाने की आवश्यकता है क्योकि अभी सोयाबीन की फसल में इल्ली लगना शुरू हो चुका है जो की आपकी सोयाबीन की फसल को कई तरीके से नुक्सान पहुंचा सकती है इससे बचाव के तरीको को जानने के लिए पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़े.
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आखिर क्या करती है इल्ली
अगर आप इस साल सोयाबीन की खेती कर रहे है आपके खेत में सोयाबीन की फसल खड़ी हुई है तो आपको सचेत हो जाने की आवश्यकता है क्योकि जैसा की आप जानते ही है की अभी इस समय सोयाबीन की फसल फूल आने की स्थिति में है। तो आपको बता दे की ऐसी स्थिति में इस समय फसल में कई तरह के कीटों तथा वायरस एवं कई रोगो का प्रकोप दिखाई दे रहा हैं। अतः किसानो के लिए यह अनिवार्य हो जाता है की वे अपनी सोयाबीन को फसल की लगातार देख रेख करते रहे है और आपको बता दे की इस समय पत्ती खाने वाली इल्लियों के लक्षण बहुत देखे जा रहे है अगर आपकी फसल में भी इसके लक्षण दिखते है तो आपको इससे बचाव करना बहुत ही जरुरी है अगर आप जानना चाहते है की इससे आपको बचाव कैसे करना है तो आगे लेख को पूरा पढ़े.
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बचाव के तरीके
अगर आप एक किसान है तथा आपके खेत में भी सोयाबीन की फसल में इन इल्लियो का प्रभाव देखने को मिल रहा है तथा आप भी इससे बचाव करना चाहते है तथा इससे नियंत्रण के उपायों को जानना चाहते है तो आपको बता दे की यदि आपके खेत में सोयाबीन की पत्ती खाने वाली इल्ली लगी हुई है तो आपको इन पर नियंत्रण करने के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिड़काव अपने खेत में करना है : एसिटेमीप्रीड 25% तथा बायफेंथ्रिन 25%WG (250ग्रा.प्रतिहेक्टेयर) या ब्रोफ्लानिलाइड 300 एस.सी. (42-62 ग्राम प्रतिहेक्टेयर ), या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी (150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस .सी (333 मि.ली प्रतिहेक्टेयर), या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी., (250-300 मिली प्रतिहेक्टेयर) या नोवाल्युरोन तथा इन्डोक्साकार्ब 04.50 % एस. सी. (825-875 मिली प्रतिहेक्टेयर) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी, (150 मि.ली. प्रतिहेक्टेयर) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली. प्रतिहेक्टेयर), या फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी (250-300 ग्राम प्रतिहेक्टेयर) या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी (450 प्रतिहेक्टेयर सिर्फ तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु), या पूर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन तथा इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली प्रतिहेक्टेयर सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम़ तथा लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली प्रतिहेक्टेयर केवल सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 % तथा लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60 % ZC, (200 मिली प्रतिहेक्टेयर सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए) आदि में से एक रसायन का छिडकाव जरुर करें. आपको बता दे की इनसे आप सिर्फ पत्ती खाने वाली इल्लियों का नियंत्रण ही नही बल्कि इसके साथ-साथ आप फूल खाने वाली इल्लियों पर भी नियंत्रण कर सकेंगे।