अगर आप एक किसान है तथा आप पशुपालन करते है तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत जरुरी है क्योकि अभी पशुओ पर एक बीमारी का प्रकोप फैलता जा रहा है इसके बारे में और जानकारी के लिए पोस्ट को पूरी पढ़े.
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कौन सी है यह बीमारी
अगर आपके पास पशुधन है तो आपको सावधान हो जाने की आवश्यकता है क्योकि बहुत दिनों से पूरे देश में पशुओ में एक बीमारी फैली है जिसका नाम है लम्पी वायरस जो की काफी खतरनाक वायरस है.इस वायरस की वजह से कई पशुओ की मृत्यु तक हो चुकी है.इसमें पशुओ को सबसे पहले बुखार सा आता है और फिर धीरे धीरे उनके शरीर पर बड़े बड़े दाने से निकल आते है.और यदि पशु का उचित इलाज न हो पाए तो उनकी जान चली जाती है.देश के कई राज्यों के पशु इस वायरस की चपेट में आ चुके है.यह बीमारी संक्रमित पशु के संपर्क में आने से होती है.यदि कोई पशु लम्पी वायरस से ग्रस्त है और वह किसी स्वस्थ पशु के संपर्क में आ जाये तो वह भी बीमार पड जाता है.इसीलिए आपको अपने पशु की हमेशा निगरानी रखनी चाहिए. वह किसी अन्य संक्रमित पशु के संपर्क में न आ पाए.यदि वह गलती से भी संक्रमित पशु के संपर्क में आ गए तो वह निश्चित ही इस वायरस से संक्रमित हो जायेंगे.इसीलिए आप अपने पशुओ को लावारिस पशुओ से दूर ही रखे.
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वायरस के प्रकोप के परिणाम
लम्पी वायरस से कई पशु संक्रमित हो चुके है इसकी वजह से कई पशुओ की तो मृत्यु तक हो गयी.यह पशु की हालत को एकदम ख़राब कर देता है.इसीलिए आपके लिए सुझाव है की अपने पशुओ पर हमेशा देखरेख करते रहे.इससे प्रभावित होने के बाद पशु का बचना मुश्किल हो जाता है.और यदि आपको ऐसा लगता है की आपका पशु संक्रमित हो चुका है तो उसे डॉक्टर को अवश्य दिखाए.अभी महाराष्ट्र के नांदेड़ प्रशासन के द्वारा पूरे जिले को लंपी प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. तथा अब इस जिले में पशुओं के आयात पर प्रतिबंध लग चुका है. आपको बता दे की अब तक जिले में 1 अप्रैल से लेकर अब तक लंपी वायरस की वजह से लगभग 493 पशुओं की जान जा चुकी है. तथा इस समय लंपी वायरस से पीड़ित अन्य मवेशियों का इलाज प्रशासन के द्वारा मुफ्त में किया जा रहा है.बीते साल में इस वायरस ने पूरे देश भर में बहुत कहर ढाया था जिसके कारण हजरों पशुओ की मौत हो गयी थी.राजस्थान राज्य में तो गयो को दफ़नाने के लिए जगह कम पड गयी थी.लेकिन अब चिंता की बात है क्योकि अब इस साल फिर से इस वायरस के केस देखने मिल रहे है. महाराष्ट्र के नांदेड जिले में कुल 5 लाख 2 हजार 428 पशु है जिनमे से 5 लाख 2 हजार 400 पशुओ को टीके लगायुए जा चुके है.लैंप से संक्रमित पशुओ का इलाज अभी निशुल्क हो रहा है.लेकिन अभी भी पशुओ के बाजार के लगने पर कोई भी प्रबंध नही लगाया गया है. इस पर भी विचार किया जा रहा है.
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किस तरह किया जा रहा है बचाव
अगर आप एक पशु रखने वाले व्यक्ति है तो आपको बता दे की आपको अपने पशुओ को संक्रमित पशुओ से दूर रखना है.हलाकि अब इस वायरस की दवाए बाजार में उपलब्ध हो चुकी है और पशुओ के उपचार के लिए योजनाये भी चलायी जा रही है.अभी महाराष्ट्र के नांदेड जिले में “माजा गोटा स्वच्छ गोटा” नामक अभियान को चलाया जा रहा है.तथा लोगो की भी कई निर्धेश दिए जा रही है की वे पशुओ के रहने के स्थान पर साफ सफाई रखे.तथा इस जिले में प्रशासन के द्वारा दुसरे जिले के पशुओ के लाने ले जाने पर रोक लगा दी गयी है.जिले की चेकपोस्टो पर दुसरे स्थानों पर आने वाले पशुओ की बाकायदा जाँच की जा रही है.लेकिन पशु बाजारों पर अभिकोई भी प्रबंध नही लगा है. यदि वायरस का प्रकोप और बढ़ता है तो इस पर रोक लगा दी जाएगी.
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