पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग बढने के कारण के केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों को मिनिमम एश्योर्ड पेंशन की गारंटी देने के हेतु नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के कुछ नियमों में परिवर्तन किया जा सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक , सरकार NPS के नियमों में परिवर्तन करके कर्मचारियों को 40% से 45% एश्योर्ड मिनिमम पेंशन देने के लिए अभी नए फॉर्मूले पर काम कर रही है। इसके अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट से पहले जो भी सैलरी आखिरी में प्राप्त होगी , उसके आधार पर ही कर्मचारियों की मिनिमम पेंशन निर्धारित की जा सकती है।
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फाइनेंस सेक्रेटरी के नेतृत्व में NPS का रिव्यू तैयार करने में लगी है कमेटी
6 अप्रैल केदिन फाइनेंस मिनिस्ट्री द्वारा कहा गया था कि नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के रिव्यू को तैयार करने हेतु एक कमेटी बनाई गई है। इस कमेटीद्वारा रिव्यू के तैयर हो जाने के बाद सरकार यह फैसला करेगी कि पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करना चाहिए या नहीं करना चाहिए । तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक इस समय फाइनेंस सेक्रेटरी के नेतृत्व में बनाई गई यह कमेटी नेशनल पेंशन योजना का रिव्यू तैयार करने में लगी हुई है।इससे पूर्व 24 मार्च 2023 के दिन को संसद में फाइनेंस बिल को प्रस्तुत करने के दौरान देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वरा नई पेंशन स्कीम का रिव्यू तैयार करने की चर्चा की थी।
कई राज्यों द्वारा शुरू की गयी ओल्ड पेंशन योजना
जहां एक तरफ कई सरकारी कर्मचारियो द्वारा नेशनल पेंशन योजना का विरोध किया जा रहा हैं। वहीं दूसरी तरफ जहा पर कांग्रेस की राज्य सरकार बनी हुई है वहाँ पर नेशनल पेंशन योजना को खत्म कर दिया गया है और वहां पर ओल्ड पेंशन स्कीम को ही लागू किया है। अभी पांच महीने पहले ही हिमाचल की कांग्रेस की सरकार ने 19 साल के बाद ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया है।वहीं दुसरी तरफ मध्यप्रदेश के साथ कई अन्य राज्यों में भी कांग्रेस द्वारा NPS को खत्म करकर उसके स्थान पर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया जाएगा ऐसा वादा कर रही है।
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कब शुरू की गयी थी नई पेंशन
सरकारी कर्मचारियों को साल 2004 से पूर्व पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत रिटायरमेंट के बाद एक निर्धारित की गई पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी के आधार पर तय की जाती थी। इस स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारी की म्रत्यु हो जाने के बाद उसके परिवार के सदस्यों को भी पेंशन दी जाती थी ऐसा नियम निर्धारित था। हालांकि अटल बिहारी वाजपेईकी सरकार द्वारा इसे अप्रैल 2005 के बाद जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हुई उनके लिए पुरानी पेंशन स्कीम को ख़तम कर दिया था और इसकी इसके स्थान पर नई पेंशन स्कीम शुरू की गयी । बाद में अन्य कई राज्यों ने भी नई पेंशन स्कीम को लागू किया ।