इस साल महंगाई इतनी बढ़ रही है के आम जनता इससे काफी ज्यादा परेशान हैं. टमाटर के भाव आसमान पर, दाल गरीब की पहुँच से बाहर, अब तो सब्जी मसाले चावल जीरा हर चीज़ की कीमत बहुत तेजी से बढ़ रही है. जानिए कौनसी चीज़ कितने दाम में मिल रही है और अभी किस चीज़ का रेट और बढ़ने वाला है, आगे पढ़ें..
आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है महंगाई की मार
ये तो आप सभी जानते ही हैं की बरसात के मौसम में हर चीज़ की कीमत बढ़ जाती है लेकिन इस बार सारी हदें पार करके महंगाई बढ़ रही है. इस साल भी बरसात की शुरुआत होते ही महंगाई ने अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया है. पहले तो केवल सब्जियों के दाम ही बढ़ते थे लेकिन इस साल टमाटर और हरी सब्जियों की कीमत ही नहीं बढ़ी है, बल्कि अब दाल, चावल, जीरा, मसाले सब खाद्य पदार्थ भी महंगे हो गए हैं. इस महंगाई से आम जनता बहुत अधिक परेशान हो गई है. खर्च में कटौती करते-करते लोगों की हालत खराब हो गई है. दाल और टमाटर की कीमत तो इतनी है की आम आदमी इन्हें लेने की सोच भी नहीं पा रहा है.
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अरहर के बाद उड़द दाल के भी बढे रेट
दाल के भाव तो सारे देश में बढे हैं लेकिन अभी देश में तुअर दाल ही कहर मचा रही थी अब खबर आ रही है की मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अरहर के साथ-साथ उड़द दाल ने भी आम आदमी के आंसू निकालने का बीड़ा उठा लिया है. व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में अरहर की बाद अब उड़द की भी किल्लत हो गई है. पिछले तीन महीने के अंदर अरहर दाल की कीमत में 50 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. इससे 100-110 रूपए किलो मिलने वाली अरहर की दाल अब 160-170 रूपए में मिल रही है. वहीँ उड़द की दाल भी 30-40 रूपए महंगी हो गयी है.
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क्यों इतनी बढ़ रही है दाल की कीमत
जैसा कि हमने ऊपर बताया की दाल की कीमत बढ़ गयी है तो अब सवाल यह आता है की दाल की कितनी कीमत बढ़ी है और आखिर दाल इतनी महंगी क्यों हो रही है.बात करने अगर अरहर की दाल की तो पिछले दो महीने के दौरान अरहर दाल की कीमत में 40 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.आम तौर पर 100 -110 रूपए में मिलने वाली तुअर दाल अब 160-170 में मिल रही है और उड़द दाल भी इससे कम नहीं है यह भी 80 के भाव मे बाजार में उपलब्ध रहती थी जो आज 110-120 रूपए किलो चल रही है. इसका कारण ये है की भारत एक कृषि प्रधान देश होते हुए भी अपनी ज़रूरत के बराबर दाल का उत्पादन नहीं कर पाता है और हमें मजबूरन दाल दुसरे देशों से आयत करनी पड़ती है. इसकी जमाखोरी करने से इसकी कीमत इतनी ज्यदा बढ़ रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने दाल की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाये हैं जिसमे पहले सरकार ने जमा करने की लिमिट तय की है उसके बाद अब बफर स्टॉक से ऑनलाइन दाल की नीलामी करने का ऐलान किया है.
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जीरे की भी बढ़ी कीमत
अगर बात करें भारतीय थाली की तो बिना जीरे की हमारी थाली में कुछ जायेकेदार बं ही नहीं सकता सब्जी हो दाल हो या रायेता हर चीज़ में जीरे तो चाहिए ही चाहिए. लेकिन खास बात यह है कि दाल और सब्जी का जायका बढ़ाने वाला जीरा भी आम आदमी की जेब खली करने में पीछे नहीं है. यह भी एक महीने में 200 रुपये किलो महंगा हो गया है. अब एक किलो जीरे की कीमत भोपाल जैसे शहर में 800 रुपये हो गई है. वहीँ, अगर कुछ साल पहले की बात करें तो यही जीरा 180 से 200 रुपये किलो हुआ करता था.
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चावल के भी बढे दाम
जब इतनी सब चीज़ों की कीमत बढ़ ही रही थी तो हमारी थाली का में भोजन को फिनिशिंग टच देने वाला चावल भी इस लाइन में शामिल हो गया है. चावल भी अछूता नहीं है. पिछले कुछ महीने के दौरान चावल के खुदरा भाव में 3 से 5 रुपये किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. जानकारों का कहना है कि यदि अलनीनो की स्थिति मजबूत होती है, तो इससे धान की पैदावार प्रभावित होगी. जिससे चावल की कीमतें और बढ़ जाएंगी.
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