मछली पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है. किसान फसल के साथ मच्छली पालन करके अपने लिए एक अतिरिक्त कमी का जरिया बना सकते हैं. इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से 70 % सब्सिडी दी जा रही है. किसान ऑनलाइन ही इसका पंजीकरण करा सकते हैं.
मच्छली पालन से होगी बेहतर कमाई
किसानों के लिए कृषि ही कमाई का एक मात्र जरिया होता है. लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की कोशिश रहती है कि किसान कृषि के अलावा भी अन्य क्षेत्रों से जुड़कर कमाई करें. मछली फार्मिंग भी ऐसा ही एक बिजनेस है किसान इस बिजनेस से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. ख़ास बात यह है कि इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने किसानों के हित मेें कदम आगे बढ़ाए हैं.
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सरकार दे रही 70 प्रतिशत सब्सिडी
बिहार सरकार मछली पालन का बिजनेस करने वालों को बढ़ावा देने के लिए योजना चला रही है. जिसे जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना के नाम से जाना जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जलाशय आधारित मच्छली पालन उत्पादन को बढावा देना है . किसान भी खेती करने के साथ-साथ मछली पालन करने का बढ़ावा दे रहे है. बिहार सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है और कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम भी सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं. मछली पालन में बिहार सरकार की ओर से 70% तक सब्सिडी दी जा रही है.
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इतनी मिलेगी सब्सिडी
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार की ओर से सब्सिडी दिए जाने की सूचना जारी की गयी है. मत्स्य अंगुलिका संचयन (हेक्टेयर में) यूनिट की लागत 60,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तय की गई है. जलाशय में केज बनाने पर 3 लाख रुपये प्रति केज और जलाशय में पेन बनाने के लिए 10.50 लाख रुपये प्रति पैन निर्धारित की गई है. इनसभी पर 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी.
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यहां से करें अप्लाई
बिहार सरकार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जलाशय मत्स्यिकी विकास योजना चला रहा है. इसी के तहत सब्सिडी देने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं. इसके लिए किसान ऑनलाइन पर आवेदन कर सकते हैं.
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