हल्दी एक ऐसा पदार्थ है जो की रोजमर्रा में प्रयोग में लाया जाता है.इसके बिना किचन अधूरी रहती है.इसीलिए जब इसकी कीमत में बढोत्तरी या कमी होती है तो इसका प्रभाव सभी पर पड़ता है.
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आखिर कितनी वृद्धि हुई हल्दी के भाव
हल्दी का उपयोग किचन में हर दिन ही प्रयोग में आने वाला पदार्थ है.इसका उपयोग खाने में तो किया ही जाता है इसके साथ साथ ही इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है.आयुर्वेद में हल्दी के कई बीमारियों का इलाज बताया गया है.यह अपने खिले रंग और विशिष्ट स्वाद की वजह से काफी ज्यादा लोकप्रिय है.लेकिन आपको बता दे की अभी हाल ही में इसके दामो में अचानक से बहुत ही ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है.जिसका प्रभाव भी देखने को मिला है.आप जानकर हैरान रह जायेंगे की इसकी कीमत में 180 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखने को मिली है.जिस कारण से इसकी कीमत 18000 रूपये प्रति क्विंटल पर पहुँच गयी है.
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हल्दी के दाम बढ़ने की वजह
हल्दी हमारे देश में हर घर में प्रयोग में लाया जाता है.और अचानक से इसके दाम बढ़ गए है.जो की आम आदमी के लिए यह अच्छी बात नही है लेकिन इससे हमारे किसान भाइयो का काफी फायदा हुआ है.क्योकि अच्छी कीमत मिल जाने से उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है.बात करे इसकी वजह की तो इसकी कीमत इतनी इसीलिए बढ़ गयी है क्योकि हल्दी की आपूर्ति में काफी कमी आई है जिसकी वजह से इसकी कीमत में अचानक उछाल आया है.इसकी आपूर्ति में कमी आने की वजह इसकी बुवाई में 28 से 30 प्रतिशत की कमी आ जाना है.तथा इस साल असमय में बारिश हो जाने के कारण आँध्रप्रदेश तथा महाराष्ट्र में इसकी फसल को काफी नुक्सान पहुंचा है.जिसके कारण से इसकी कीमत ज्यादा रही है.और अलनीनो के प्रभाव की वजह से कम बारिश की वजह से हल्दी का उत्पादन अच्छे से नही हो पाया है.इसकी वजह से कई क्षेत्रो में हल्दी के बुवाई के रकवे में 35 से लेकर 40 प्रतिशत तक की कमी आई है जिसकी वजह से एकदम से इसकी कीमत बढ़ गयी है.
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हल्दी के निर्यात में हुई इतनी वृद्धि
हल्दी के दामो के बढ़ने की वजह आपको ऊपर बता दी गयी है लेकिन इसकी एक और भी वजह यह है की इसके निर्यात को भी बढ़ा दिया है.आपको बता दे इस साल अप्रैल से लेकर जून के महीने में हल्दी के निर्यात में 16.87 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है.यह लगभग कुल 57,775.30 टन हो चुका है.क्योकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी काफी डिमांड है.आपको बता दे की वर्त्तमान में भारत 1.50 करोड़ बैग की खपत तथा निर्यात किया जाता है.लेकिन इस साल खास बात ये है की अब तक मात्र 55-56 लाख बैग ही पहुंचा है.और आपको बता दे की अभी ऐसी संभावना है की इसके भाव और भी बढ़ सकते है.
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