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इसकी खेती से हो सकते हैं मालामाल हर जगह देखने को नहीं मिलता ये फल, भारत में बहुत कम होती है इसकी खेती

गर्मी का मौसम शुरू होते ही रसीले फलो की डिमांड बाजार में बहुत अधिक बढ़ जाती है. इस मामले में आम और तरबूज जैसे कई फल शामिल है वैसे तो ये लिस्ट काफी लम्बी है लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं तरबूज के बारे में लेकिन यह इसकी एक बेहद है ख़ास प्रजाति के है जिसका रंग अन्दर से लाल नहीं पीला होता है जी हाँ, पीला तरबूज …..

यह तरबूज है बेहद ही ख़ास

अब तक आप सब लोगों ने एक ही तरह का तरबूज खाया होगा जिसका कलर अन्दर से लाल होता है. लेकिन आज हम जिस तरबूज की बात कर रहे हैं, वो बाहर से दिखने में तो एकदम साधारण तरबूज जैसा ही दिखता है लेकिन जब इसे काटा जाता है, तो इसका रंग अंदर से पीला होता है. जानकारी के अनुसार इस तरबूज में कई तरह के पौष्टिक गुण पाए जाते हैं. गर्मी के सीजन में बाजार में भी तरबूजों की मांग सबसे अधिक होती है. किसान भाई भी इस दौरान तरबूज की खेती से अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं पीले तरबूज के बारे में …

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हजारों साल पुराना है पीला तरबूज

पीला तरबूज सुनकर ऐसा लगत है जैसे इसे वैज्ञानिकों ने हाल फिलहाल में ही तैयार किया है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है, यह हजारों सालों से इस धरती पर पाया जाता है. किसान बहुत पहले से इसकी खेती करते आ रहे हैं. इसकी खेती पहले लाल तरबूज से भी ज्यादा की जाती थी लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता गया किसान लाल तरबूज को अपनाने लगें.  

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सबसे पहले यहाँ पाया गया था पीला तरबूज

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में सबसे पहले पीला तरबूज अफ्रीका के खेतों में उगाया जाता था. लेकिन इसके अंदर के मौजूद गुणों के चलते इसे और भी कई देशों में में उगाया जाने लगा और आज के समय में करीब सभी देशों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. हालाँकि भारत में पीले तरबूज खेती बहुत कम ही होती है यह भारत में कुछ ही जगहों  पर उगाया जाता है. इसीलिए यह हमारे देश की मंडियों में सीमित बाजारों में ही दिखाई देता है. अगर आप इसकी तलाश बड़ी मंडियों में करेंगे तो यह आपको मिल जाएगा. लेकिन अगर आप इसे अपने लोकल बाजारों में ढूढने का सोच रहे हैं तो आपको यह पीला तरबूज नहीं मिलेगा. 

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इसका रंग पीला क्यों होता है

कृषि वैज्ञानिकों की माने तो, तरबूज किस रंग का होगा इसका निर्धारण एक केमिकल से होता है जिसे लाइकोपिन कहते हैं. जिसमे भी यह केमिकल पाया जाता है उसका रंग लाल होता है. पीले तरबूज में इसकी मात्रा बहुत कम होती है लगभग न के बराबर ही होती है.इसीलिए इसका रंग अन्दर से पीला होता है.

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स्वाद के साथ सेहत के लिए भी है फायदेमंद

जानकारी के मुताबिक, लाल तरबूज के मुकाबले पीला तरबूज का स्वाद ज्यादा मीठा होता है. लोगों को यह खाने में बेहद ही स्वादिष्ट लगता है. इसमें विटामिन ए की प्रचुर मात्रा होती है. कुछ लोगों का कहना यह भी है कि पीला तरबूज का स्वाद एक दम शहद की तरह ही होता है.

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भारत में कहा होती है पीले तरबूज की खेती

जैसा कि आपको ऊपर बताया की भारत में इस तरह के तरबूज की खेती कुछ ही स्थानों पर की जाती है. इसकी खेती रेगिस्तानी क्षेत्रों में ही की जा सकती है इसीलिए भारत के रेगिस्तानी इलाके के किसान इसकी खेती करते हैं. क्योंकि वहां की मिट्टी में पीला तरबूज सरलता से उगाया जा सकता है. इसकी खेती भारत में केवल गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में की जाती है.

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