बैगन भारत में सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली सब्जियों में से एक है. आम तौर पर बैगन का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में 2 तरीके के बैगन आते हैं एक हरे रंग का और दूसरा काले रंग का लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की सफ़ेद रंग का भी बैगन होता है. जी हाँ, सफ़ेद बैगन. सफ़ेद बैगन की मांग बाजार में बढ़ रही है ऐसे में किसान भाई सफ़ेद बैगन की खेती करके अच्छा मुनाफा कम सकते हैं.
क्यों ख़ास है सफ़ेद बैगन
किसान भाई सफ़ेद बैगन की खेती करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते है। सफेद बैंगन की खेती बहुत लम्बे समय तक उपज देती रहती है जिससे लाखों में कमाई होती है. सफ़ेद बैगन एक ऐसी सब्जी है जिसे पूरे वर्ष उगाया जा सकता है. इसे खेत में या गमले में भी उगाया जा सकता है. इसकी खेती पूरे वर्ष की जाती है इसलिए बैंगन की खेती किसी मौसम मे बड़े आसानी से की जा सकती है. आम की बैंगन खेती के बजाये सफेद बैंगन की खेती करने से किसानों को काफी मुनाफा हो सकता है और इसकी बाजार में मांग भी तेज़ी से बढ़ रही है. सफेद बैंगन कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे पोटैशियम, कॉपर, मैग्नीशियम, विटामिन-B आदि ये खूबियाँ इसे और भी ख़ास बना देती हैं.
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कब होती है बुवाई
वैसे तो सफ़ेद बैगन की खेती साल भर की जाती है लेकिन इसके लिए सबसे बेहतर समय फरवरी और मार्च का होता है. इसकी बुआई फरवरी अंत से लेकर शुरू मार्च तक की जाती है. हालांकि भारत में कई जगह इसे दिसंबर में भी बोया जाता है.अगर फरवरी- मार्च में बुवाई की जाती है तो जून-जुलाई के महीने में ये बैंगन पूरी तरह तैयार हो जाते हैं. जिन्हें बाजारों में बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तो अगर आप भी सब्जियां (Vegetables) बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं तो सफेद बैंगन की खेती आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है.
ऐसे करे बुवाई
सफेद बैंगन की बुआई करने के लिए सबसे पहले क्यारी बनानी चाहिए. ये क्यारी कम से कम 1 से 1.5 मीटर लम्बी और 3 मीटर चौड़ी होना चाहिए . इसके बाद मिट्टी को भुरभुरा कर दें. इसके बाद किसान भाई हर क्यारी 200-250 gm DAP डालकर जमीन को समतल कर लें . डीएपी डालने के बाद किसान भाई सफेद बैंगन के बीजों की एक लाइन खींचकर उसमें बुआई कर सकते हैं. बीजों की बुआई के बाद भुरभुरी मिट्टी से बीजों को ढक दें. इतना करने के बाद जूट की बोरियों से या किसी लम्बे कपड़े से नर्सरी की जमीन को ढक देना चाहिए कुछ दिनों बाद इससे पौधे निकल आएंगे. बैंगन के खेत की 2 बार 15 दिनों के अन्तराल पर कुदाल की सहायता से गुड़ाई कर देनी चाहिए. इससे पौधे की जड़ों का अच्छा विकास होता है।
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सही समय पे सिचाई करें
सफ़ेद बैगन की खेती में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती. सफेद बैंगन की बुवाई के तुरंत बाद फसल में हल्की सिंचाई कर देना चाहिये. इसमें खाद के रूप में जैविक खाद या जीवामृत का प्रयोग करें. फसल को कीट और बीमारियों के खतरे से बचाने के लिये नीम से बने जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल जरूर करें. समय-समय पर सिंचाई करते रहें जिससे मिटटी में नमी बनी रहे. बैंगन की फसल को पूर तरह तैयार होने के लिए 70-90 दिनों का समय लगता है. बैगन के पौधों को सहारे की जरूरत होती है, क्योंकि अगर कभी बारिश हो जाती है, तो पौधों के गिरने की सम्भावना रहती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए बैंगन के पौधों को बांस के बम्बू का सहारे के लिए प्रयोग करना चाहिए.
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स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिए भी काफी लाभदायक है सफ़ेद बैगन
सफेद बैंगन स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसमें खभरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन के लिए अच्छा होता है. नियमित रूप से सफेद बैंगन को आहार में शामिल करने से कई समस्याओ जैसे:- गैस, एसिडिटी और कब्ज की परेशानी को दूर किया जा सकता है. सफेद बैंगन पोटैशियम, कॉपर, मैग्नीशियम, विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. सफेद बैंगन डायबिटीज मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है पत्तियों में मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते करते हैं. सफेद बैंगन की पत्तियों से और भी कई फायेदे होते हैं. सफेद बैंगन वजन कम करने के साथ ही हार्ट को भी हेल्दी रखता है. साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल कम करता है शुगर लेवल को कंट्रोल करता है वजन घटा सकते हैं पाचन को स्वस्थ बनाए रखता है ब्रेन फंक्शन बढ़ाता है किडनी के लिए काफी फायदेमंद होता है सफ़ेद बैगन।
किसानो के लिये है फायेदेमंद
सफेद बैंगन की खेती को सदाबहार खेती भी कहा जाता सकता है क्योंकि इसकी खेती साल में किसी भी मौसम में की जा सकती है. यह ऐसी खेती है, जो किसान भाइयों को लंबे समय तक उपज देती है जिससे उनकी कमाई में वृद्धि होती है.
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