हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या खेती से जुडी है, आज के समय में मानव हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा कृषि में भी नई तकनीके सामने आ रही है उपकरणों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है. ऐसी ही एक विधि है ग्रीनहाउस फार्मिंग सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना चला रही है, जानिए क्या है ग्रीनहाउस फार्मिंग…..
क्या होती है ग्रीनहाउस फार्मिंग
ग्रीन हाउस खेती, खेती की एक ऐसी आधुनिक तकनीक है। इसमें कांच से पैक खेत के अन्दर खेती की जाती है जिससे इसमें लगी फसलों पर मौसम का कोई असर नहीं पड़ता साथ ही इसमें मौसमी फसलों के साथ गैर मौसमी फसलों की खेती भी की जा सकती है। यह सालभर फसल और फूलों की उपज की वृद्धि को समृद्ध बनाने में मदद करता है। इसमें फसलों की रक्षा करने में मदद मिलती है साथ ही उन्हें उन्हें कीटों और अन्य बीमारियों से मुक्त रखने और हर समय विकास को बनाए रखने में मदद मिलती है।
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ये है ग्रीन हाउस की खासियत
ग्रीन हाउस खेती, खेती की उन्नत तकनीक है, इसकी फसलों के ऊपर धूप, बारिश और आंधी का कोई असर नहीं पड़ता है. इसके अंदर किसी भी मौसम किसी भी फसल की खेती की जा सकती है. ग्रीन हाउस खेती की सबसे खास बात यह है कि इसके अंदर खेती करने से फसलों की बम्पर पैदावार मिलती है और फसलों की बर्बादी भी न के बराबर होती है. राज्य सरकार ग्रीन हाउस के निर्माण पर किसानों को 95% तक की सब्सिडी दे रही है. अगर किसान भाई ग्रीन हाउस के अंदर खेती करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह किसानो के लिए उनके लिए सुनहरा मौका है
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राजस्थान सरकार दे रही है सब्सिडी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने ग्रीम हाउस पर मिलने वाली सब्सिडी में वृद्धि की है पहले ग्रीनहाउस के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी जिसे अब बढाकर 95% कर दिया गया है. मानव जीवन में यंत्रों का प्रयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसका असर खेतीमें भी देखा जा सकता है. अब कृषि क्षेत्र भी अब आधुनिक होता जा रहा है. बैलों की जगह ट्रैक्टर और रहट की जगह ट्यूबवेल का इस्तेमाल होने लगा है. खास बात यह है कि कृषि अब आधुनिक तकनीकों पर आधारित हो गई है. ग्रीन हाउस फार्मिंग जैसी नई तकनीकों की मदद से आप किसी भी फसल की खेती किसी भी मौसम में कर सकते हैं. ये सब ग्रीन हाउस की वजह से ही संभव हो पाया है.
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सरकार द्वारा बढाई गई सब्सिडी
राजस्थान सरकार ने ग्रीन हाउस पर मिलने वाली सब्सिडी में इजाफ़ा किया है पहले जहाँ 50 प्रतिशत मिलती थी उसे बढ़ाकर 95 फीसदी कर दिया है. इससे राजस्थान में खेती करने वाले लघु एवं सीमांत किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों को भी इस सब्सिडी के दायरे में रखा गया है जिससे ये लोग भी अनुदान का लाभ ले सकते हैं. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देना चाहती है इसीलिए सब्सिडी को बढ़ाया है.
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सरकार की योजना से किसानो को होगा फायेदा
राजस्थान के सी एम अशोक गहलोत ने इस बार विधानसभा बजट पेश करते हुए प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने की बात कही थी .इस योजना के तहत प्रदेश के 60 हजार किसानों को दो साल में सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. सब्सिडी के पैसे से किसान भाई संरक्षित खेती करने के लिए ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और शेड का निर्माण करवा सकते हैं. इस प्रकार की तकनीको के साथ खेती करने से किसानो की आय भी बढ़ेगी साथ ही उनकी फसलो को प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी कम होगा.
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501 करोड़ रूपए खर्च करेगी सरकार
इस वित्तीय वर्ष यानी 2023- 24 में राज्य सरकार ने सब्सिडी के ऊपर 501 करोड़ रुपये खर्च करने की बात की है. जानकारी के लिए बता दें कि पहले सामान्य वर्ग के किसानों को ग्रीम हाउस के निर्माण के लिए 50% सब्सिडी मिलती थी. वहीं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले किसानो को 70% अनुदान मिलता था. वहीं, अब सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों के साथ- साथ अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों के लिए सब्सिडी राशि बढ़ाकर 95% कर दी है .
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