जैसा की आप जानते हैं की हमारे देश में हर साल धान का सीजन आते ही धान की पराली जलाने से प्रदूषण होने की समस्या सामने अआती है और इस मामले से सबसे पहले नाम आता है पंजाब और हरियाण का ऐसे में पराली की समस्या से निपटने का ये इलाज बहुत ही कारगर है. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी है आज हम आपको इस लेख के माध्यमसे एक ऐसे तरीके के बारे में बताने जा रहे है जिससे आप पराली का आसानी से निपटारा कर सकते हैं इसे कोई समस्या नहीं होगी और सरकार भी इसे समर्थन देती है. तो आइये जानते है वह कौनसा तरीका है जिससे आसानी से इस समस्या से निपटा जा सकता है….
क्या है पराली से समस्या
जैसा की हमने ऊपर बताया की पराली जलाने से प्रदुषण फैलता है और इससे हवा की क्वालिटी ख़राब हो ने से समस्या होती है तो आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा किआखिर पराली जलाने से कैसे प्रदुषण फैलता है और इसे कैसे समस्या होती है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाई जाति है तो यह एक बहुत बड़ी समस्या बन जाती है क्योंकि जब लाखों की संख्या में किसान पराली जलाते हैं तो इससे भरी मात्रा में धुंआ उठता है जिससे दिल्ली जैसे कई इलाकों में इससे समस्या होने लगती है. वैसे ही इन शहरों में पहले से काफी ज्यादा प्रदुषण हुआ रहता है और अचानक इतने धुएं से हवा की क्वालिटी और ख़राब हो जाती है.
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कैसे निपटा जा सकता है इस समस्या से
पराली की समस्या वैसे तो कोई छोटी समस्या नहीं है क्योंकि धान के एक ही खेत में ढेर सारी पराली बनती है ऐसे में इतनी सारे कृषि अपशिष्ट का निपटारा करना आसान काम नहीं है. हालांकि इसका इस्तेमाल मवेशियों के चारे के रूप में किया जा सकता है और कई किसान ऐसा करते भी हैं.
इसके लिए किसान एक जगह पर ढेर सारी पराली इकठ्ठी कर देते हैं जिसे आवारा पशु खा सकते हैं लेकिन यह भी किसानों के लिए आसान काम नहीं है क्योंकि खेत से इस अपशिष्ट को जल्द से जल्द हटाना पड़ता है ताकि खेती को अगली फसल के लिए तैयार किया जा सके. और इतने जल्दी इतने सरे कृषि अपशिस्ट को हटाना बहुत मुश्किल काम है ऐसे में किसानों के पास इसे जलाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता.
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पराली से बनायें खाद
आधुनिक तकनीक खेती में भी बहुत काम आने लगी हैं और आज के युग में मानव के पास हर समस्या का समाधान है. ऐसे में किसानों को पराली की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए उपाय ढूढ़ लिया गया है. अब किसान धान की खेती के बाद बचे हुए कृषि अपशिष्ट से खाद बना सकते हैं जिसे बाद में खेती के लिए उपयोग किया जा सकता है
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