हेल्लो दोस्तों जैसा की आप जानते है की दिन प्रतिदिन खेती के क्षेत्र में कई तरह के अनुसन्धान होते रहते है जैसे की अभी हाल ही में वैज्ञानिको ने गेहूं की एक ऐसी ब्रीड को तैयार किया है जिसकी रोटी का सेवन करने से डायबिटीज के रोगी को बहुत ही फायदा होगा.
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आखिर किसने बनाया इस किस्म के गेहूं को
कृषि के क्षेत्र में यह एक बहुत ही अच्छी उपलब्धि है यह जानकर आपको आश्चर्य हो रहा होगा और यह जानने की उत्सुकता भी बहुत होगी की इस विशेष किस्म को आखिर किस संस्थान द्वारा तैयार किया गया है तो आपको बता दे की इस किस्म को पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के द्वारा विकसित किया गया है, जिसके आटे की रोटी खाने मात्र से ही डायबिटीज मरीजों को काफी ज्यादा लाभ मिलेगा. इस गेहूं की मुख्य बात तो यह है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए गेहूं की इस किस्म का आटा दवा की तरह काम करेगा.तथा इसके साथ ही जो मरीज दिल की बीमारी से पीड़ित है उन्हें भी इस गेहूं की रोटी का सेवन करने से बहुत लाभ होगा. अभी इस समय भारत में कुल 13 लाख से भी ज्यादा लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं. ऐसी स्तिथि में इन मरीजों के लिए इस किस्म की गेहूं की रोटी रामबाण दवाई साबित होगी साथ ही आपको यह भी बता दे की इस किस्म नाम पीडब्लू आरएस 1 रखा गया है.
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क्या है इसकी खासियत
यूनिवर्सिटी के प्रमुख गेहूं ब्रीडर अचला शर्मा जी के द्वारा इस किस्म के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया है की यह गेहूं की एक नई किस्म है. इसकी खेती करने से किसानों की कमाई तो बढ़ेगी हीं और इसके साथ ही डायबिटीज मरीजों को इससे बहुत फायदा होगा. उनके द्वारा कहा गया है कि पीडब्लू आरएस 1 में स्टार्च की कुल मात्रा गेहूं की अन्य किस्मों की तुलना में 66-70 फीसदी के बराबर होती है. लेकिन इसमें लगभग 30.3 प्रतिशत प्रतिरोधी स्टार्च सामग्री उपलब्ध होती है.
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किस तरीके से फायदा पहुंचाएगी यह गेहूं
इस गेहूं के बारे में जानने के बाद आपके मन में यह सवाल जरुर उठ रहा होगा की आखिर यह गेहूं कार्य कैसे करेगी तो आप इसका सेवन करते है तो आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन के दौरान धीरे- घीरे ग्लूकोस का निर्माण होगा.इसके साथ ही इसमें पाचन क्रिया भी धीरे- धीरे चलेगी. इस तरह से शुगर को कंट्रोल किया जा सकेगा. इस गेहूं की एक और सबसे बड़ी खासियत है कि इसकी कम रोटी खाने पर ही आपकी भूख समाप्त हो जाएगी तथा आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगेगी. उदाहरण के लिए जिस व्यक्ति को 6 रोटी खाने की आवश्यकता पड़ती है तो उसका 3 रोटी खाने से ही पेट भर जाएगा. इस तरह से कम रोटी खाने के कारण शुगर के साथ- साथ इंसान का वजन भी कम होने लगेगा, जिससे वह हमेशा स्वस्थ्य रहेगा.
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कब होती है इसकी खेती
अगर आप जानना चाहते है की इस तरह के गेहू की खेती कब होती है तो आपको बता दें कि बीते हुए महीने में भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा गेहूं की तीन ऐसी किस्मों को तैयार किया गया था , जो की गर्मी का मौसम आने से पहले ही पक जाएगी. इससे किसानो की यह लाभ मिलेगा की वे कम समय में इसकी खेती से अच्छा खासा मुनाफा कम सकते है क्योकि मार्च के महीने से ही आप इसकी कटाई शुरू कर सकते हैं. इसका मतलब जब तक सर्दी खत्म होगी और आपकी फसल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी तथा होली आने के पहले ही उसको काटा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने गेहूं के इन किस्मों को बीट-द-हीट समाधान के अंतर्गत गेहूं की बुवाई करने के लिए विकसित किया था. ऐसे किसान भाई जो की आमतौर पर गेहूं की बुवाई नवंबर के महीने से करते हैं, लेकिन वे अब इन किस्मों की खेती 20 अक्टूबर से ही शुरू की कर सकते है. इन तीन किस्मों में से पहली किस्म का नाम HDCSW-18 है.
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