HomeAgricultureइस जैविक खाद से होगी बम्पर पैदावार,ऐसे करे घर पर तैयार

इस जैविक खाद से होगी बम्पर पैदावार,ऐसे करे घर पर तैयार

अगर आप एक किसान है तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकती है क्योकि आज हम आपको ऐसे जैविक खाद को तैयार करने के बारे में बताएँगे जिससे की आपके खेत की मिटटी में काफी सुधार हो सकता है तथा फसल की अच्छी पैदावार भी मिलेगी.

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आखिर कौन सी यह खाद

जैसा की आप जानते है की आज किसान अपने खेतो में भरपूर मात्रा में रासायनिक खादों तथा कीटनाशको का प्रयोग कर रहे है जिससे उन्हें उत्पादन तो काफी मिला है किन्तु इसकी वजह से दिन प्रतिदन मिटटी की उर्वरकता में काफी गिरावट आई है.यदि किसान ऐसा ही करते रहे तो एक दिन हमारी जमीने बंजर हो जाएगी जो की किसानो के लिए काफी बड़ा संकट होगा.ऐसे में किसानो के लिए अपने खेत में जैविक खाद का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प होगा.इससे मिटटी की गुणवत्ता में काफी सुधर तो होगा ही और आपको अच्छी पैदावार भी मिलेगी.और यह आपको काफी सस्ती भी पड़ेगी.हमारे देश में पुराने समय में खेती जैविक तरीके से की जाती थी.जिसमे की गाय के गोबर तथा मूत्र से खाद को तैयार किया जाता है. आज हम आपको ऐसी खाद के बारे में बताएँगे जो की पंचगव्य से तैयार की जाती है पंचगव्य का मतलब होता है गौमूत्र, गोबर, दूध, दही तथा घी से बना पदार्थ.प्राचीनकाल में इनका उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता था. यह एक काफी हद तक प्रभावी खाद है.यह फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करता है.इससे पौधो की वृद्धि एवं विकास अच्छे से होता है.इस खाद में पर्याप्त मात्रा में पौषक तत्व पाए जाते है.

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कैसे बनाये पंचगव्य

अगर आप एक किसान है तथा आप पंचगव्य बनाना चाहते है तो आपको बता दे की इसके लिए आपको सबसे पहले कुछ सामग्री की जरुरत पड़ेगी.जिसमे आपको 5 किलो ताजे देशी गाय का गोबर,देशी गाय का 3 लीटर ताजा मूत्र,2 लीटर गाय का कच्चा दूध,2 लीटर देशी गाय का घी, 500 ग्राम देशी गाय का घी,500 ग्राम गुड तथा 12 पके हुए केलो की आवश्यकता पड़ेगी. तथा आपको इससे निम्न तरीके से तैयार करना है.

  • इसे तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले 5 किलोग्राम गाय का गोबर, 1.5 लीटर गोमूत्र, 2 लीटर ताजा कच्चा दूध-दही, 500 ग्राम देसी घी, 500 ग्राम गुड़ तथा 10-12 पके केलो को मिलाने के बाद एक मिट्टी के घड़े में रख देना है।
  • तथा अगले तीन दिनों तक इसे रोजाना आपको अपने हाथों से हिलाना है। उसके बाद चौथे दिन आपको सभी सामग्री को एक साथ मिलाने के बाद फिर से मिट्टी के बर्तन में रख देना है तथा ढक्कन को बंद कर देना है।
  • उसके बाद आपको इस मिश्रण को 15 दिन तक छाया में रखे रहना है तथा प्रतिदिन सुबह-शाम लकड़ी की मदद से अच्छी तरह मिला लेना है।
  • उसके बाद 18 दिनों के पश्चात् पंचगव्य उपयोग हेतु तैयार हो जाएगा।
  • आपको बता दे कि जब यह खमीर बन जाए तथा सुगंध आने लगे तो आपको समझ लेना है कि आपका पंचगव्य तैयार हो चुका है। लेकिन इसके विपरीत यदि इसमें खट्टी गंध आये तो आपको इसे एक हफ्ते और हिलाना है। इस प्रकार आपका पंचगव्य तैयार हो जाएगा। इसके बाद आप 10 लीटर पानी में 250 ग्राम पंचगव्य को मिलाकर इसका प्रयोग कर सकते हैं।
  • यह एक रोग निवारक, कीटनाशक तथा विकास उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। इसे एक बार बनाने के बाद आप 6 महीने तक इस्तेमाल कर सकते है। तथा इसके साथ ही आपको बता दे की इसे तैयार करने के लिए आपको 70 रुपये प्रति लीटर पर खर्च करना पड़ता है।

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कैसे करे इसका उपयोग

अगर आप एक किसान है तथा आप जानना चाहते है की इसका उपयोग कैसे करना है तो आपको बता दे की आप 250 ग्राम पंचगव्य को 10 लीटर पानी में मिलाकर किसी भी समय फसलों में उपयोग कर सकते है। अगर बार करे समय की तो आप इसका प्रयोग बीजोपचार से लेकर कटाई के बीच में 25 से 30 दिन के अंतराल पर कर सकते है। इस खाद का प्रयोग कई फसलों, सब्जियों, फलों तथा औषधीय पौधों में एक महीने में दो बार कर सकते है.बात करे की इसका प्रयोग बीजउपचार में कैसे करना है तो आपको बता की आपको बीज या जड़ों को पंचगव्य के 3 प्रतिशत घोल में 10-15 मिनट तक डुबाना उसके बाद इसे लगभग आधा घंटा तक छाया में सुखाने के बाद बुआई करना है। आपको बता दे की 300 मिलीलीटर पंचगव्य 60 किलोग्राम बीज अथवा जड़ों को उपचारित करने हेतु पर्याप्त रहता है। यदि आप जानना चाहते है की इसका छिडकाव कैसे करना है तो आपको बता दे की आप पंचगव्य के 3 प्रतिशत घोल को फलों, पेड़-पौधों तथा फसलों पर इसका छिडकाव कर सकते है। एक एकड़ फसल के लिए आपको 3 लीटर पंचगव्य की आवश्यकता पड़ती है। तथा आप 3 प्रतिशत घोल को सिंचाई जल में प्रवाहित करके भी आप इसका उपयोग कर सकते है। इसके अलावा आप इसका प्रयोग बीजो के भण्डारण के लिए कर सकते है. इसके लिए आपको इसे 3 प्रतिशत घोल में 10-15 मिनट तक भिगोकर इसे सुखा लेना है और स्टोर कर लेना है इस तरह से आप लगभग एक साल तक बीजो को सुरक्षित रख सकते है।

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उपयोग से सम्बंधित आवश्यक सावधानियां

  • जब आप इसका उपयोग करते है तब आपके खेत में नमी का होना जरुरी है
  • आपको एक खेत से पानी को दूसरे खेत में जाने से रोकना है.
  • आपको पंचगव्य का छिड़काव सुबह 10 बजे के पहले तथा दोपहर के 3 बजे के बाद करना है.
  • आपको पंचगव्य के मिश्रण को हमेशा छायादार तथा ठंडी जगह में ही रखना है।
  • इसको तैयार करने के बाद 6 महीने तक आप इसे उपयोग में ले सकते है।
  • इसके उचित लाभ हेतु इसका उपयोग 15 दिन में एक बार करना चाहिए।

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