अगर आप भी खेती किसानी करते हैं तो आप तो मक्के की फसल के बारे में जानते ही होंगे. इसकी खेती हमारे देश में आसानी से की जा सकती है . इसकी विदेशों में भी काफी डिमांड है, तो आइये जानते हैं की आखिर कैसे मक्के की खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं…
स्वीट कॉर्न की खेती से होगी बम्पर कमाई
अगर आप स्वीट कॉर्न के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको बिलकुल चिंता करने की जरुरत नहीं है हम आपको बताएँगे इसकी पूरी जानकारी. स्वीट कॉर्न मक्के की ही फसल होती है बस इसे पकने से पहले ही तोड़ लिया जाता है. इसकी खेती बिलकुल मक्का की खेती की ही तरह ही की जाती है. हालांकि, स्वीट कॉर्न की खेती में मक्का की फसल पकने से पहले ही जब यह दूधिया अवस्था में होता है तभी तोड़ लिया जाता है, इसलिये यह सामान्य मक्के से ज्यादा मीठा होता है साथ ही इसकी खेती करने से किसानों को कम समय में ही अच्छा मुनाफा हो जाता है.
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कब की जाती है इसकी खेती
अब बात करते हैं इसकी खेती की लेकिन उससे पहले जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होता है भुट्टा खाने की ललक सबके मन में उठती है. और बाजार में इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है. इसे खाने के फायेदे भी अनेक हैं यह फाइबर से भरपूर होता है इसलिए भुट्टा सेहत के लिए शानदार होता है. यही वजह है कि बारिश का मौसम आते ही बाजार में भुट्टों की मांग बढ़ जाती है और किसानों को इसका अच्छा खासा दाम मिलता है. भुट्टा जिसे अंग्रेजी में आप कॉर्न या स्वीट कॉर्न भी कहते हैं यह कई तरह से खाया जाता है. इसे कुछ लोग उबाल के खाते हैं, कुछ लोग भुन के. वहीं कुछ इसका सूप पीना पसंद करते हैं. जबकि सबसे ज्यादा लोग इसके सूख जाने पर लोग इसका पॉपकॉर्न बना कर चाव से खाते हैं. अब बात करते हैं इसकी खेती की तो इसकी खेती जून जुलाई के महीने से चालू हो जाती है जिससे यह अगस्त तक बाजार में आना शुरू हो जाता है क्योंकि इसी समय इसकी डिमांड सबसे ज्यादा होती है.
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कितना अलग होता है स्वीट कॉर्न
दरअसल, स्वीट कॉर्न और देशी मक्के में ज्यादा कोई फर्क नहीं है बस यह सामान्य मक्के की ही एक बेहद मीठी किस्म है, जब किसान मक्के की फसल लगाता है और मक्के की फसल पकने वाली होती है उससे पहले यह दूधिया अवस्था में होता है तभी इसे काट लिया जाता है जिससे यह सामान्य के मुकाबले ज्यादा मीठा होता है तो इसे स्वीट कॉर्न कहते हैं. स्वीट कॉर्न केवल भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी काफी ज्यादा पसंद किया जाता है. यही वजह है कि स्वीट कॉर्न की डिमांड विदेशों में भी बहुत ज्यादा है और इसकी मांग को पूरा करना कभी कभी बड़ी चुनौती बन जाता है. इसलिये अगर किसान सामान्य मक्के की खेती कर रहे हैं, तो दोगुनी कमाई के लिये स्वीट कॉर्न की खेती कर सकते हैं. इससे किसान कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
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कैसे की जाती है इसकी खेती
अगर बात करें इसकी खेती की तो स्वीट कॉर्न की खेती बिल्कुल मक्का की खेती की ही तरह ही की जाती है. हालांकि, इसमे फसल पकने से पहले ही तोड़ ली जाती है, यही वजह है की इसकी खेती में किसानों को कम समय में ही अच्छा मुनाफा हो जाता है. लेकिन इसकी खेती करते समय ध्यान रहे मक्का की उन्नत किस्मों का ही चुनाव करें और उन्ही की खेती करें. कम समय में पकने वाली और कीटरोधी किस्मों को चुनना सबसे बेहतर रहता है. इसकी खेती के लिए खेत की तैयारी करते समय जल निकासी का प्रबंधन जरूर कर दें, इससे फसल में जल-भराव नहीं होगा और ज्यादा पानी में फसल के गलने की सम्भावना कम से कम होगी. वैसे तो स्वीट कॉर्न पूरे भारत में उगाई जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश मे बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है. आपको बता दें, की देश में इसकी खेती अलग अलग जगहों पर अलग अलग समय पर की जाती है. अगर बात करें उत्तर भारत में इसकी बुआई खरीफ के मौसम में यानी जून से जुलाई के बीच की जाती है. लेकिन जैसा हमें बताया की इसकी खेती अलग अलग समय पर की जाती हैं तो आप स्वीट कॉर्न की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में आप कर सकते है.
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