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इस फल की खेती से होगा मोटा मुनाफा इससे होते है अनेक लाभ

अगर आप एक किसान है तथा आप बागवानी की खेती में रूचि रखते है तो आज हम आपको ऐसे फल की खेती के बारे में बताने जा रहे है जिससे आपको अनेक तरह के औषधिय लाभ होते ही अगर आप इसकी खेती करेंगे तो आप काफी जयादा पैसा कमा सकते है.

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कौन सा है यह फल

दोस्तों अगर आप भी बागवानी की खेती करने की सोच रहे है तो आपके लिया कपू गूजबेरी की खेती करना एक अच्छा विकल्प हो सकता हिया यह देश में कई स्थानों पर उगाया जाता है यह एक ऐसा फल होता है जिसका सेवन करने से कई तरीके के रोग तथा बीमारिया दूर होती है इसके बारे में बात करे तो यह एक छोटा पौधा होता है जिस पर फलो का एक पतला आवरण होता है कई लाग इसे मकोय या चिर्पोती या पटपोटनी भी कहते है यह राजस्थान में शरबत के जैसा होता है जो लाग इस फल को खाते है उनको सेहत से सम्बंधित काफी ज्यादा फायदे होते है वैसे तो इसके लाभ बहुत होते है लेकिन आपको बता दे की यदि आप इसकी खेती करते है तो आपको यह दिक्कत होगी की यह काफी तेजी से बढ़ता है यह अन्य पौधो के उगने में बाधा डालता हिया जिन्हें की किसान उगने की कोशिश करते है यह पौधा हर साल उगता है परन्तु कुछ सथानो पर यह पौधा केवल और केवल एक साल के लिए ही उगता है इसकी पत्तियां कोमल तथा आकर में दिल के जैसी होती है तथा किनारों पर कोई भी दन्त नही पाए जाते है इसके फूल पीले रंग के तथा काफी सुंदर होते है तथा इसके फूल घंटियों की तरह दिखाई देते है जिनमे एक साथ पांच पंखुड़िया चिपकी रहती है जिन पर एक धब्बा पाया जाता है.तथा पौधे के फल के चारो ओर एक विशेष आवरण पाया जाता है जो की एक बैग की तरह दिखाई देता है तथा एक रसदार नारंगी बेर से भरा हुआ होता है.

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क्या होते है इसमें औषधीय गुण

अगर आप इस फल की खेती करना चाहते है तथा आप जानना चाहते है की इसमें क्या क्या औषधीय गुण होते हैतो आपको बता दे की यह एक विशेष फल है जिसका सेवन करने से आपकी पेट तथा लीवर से सम्बंधित समस्याए ठीक हो जाती है यदि आप इसकी पत्तियों से बना हुआ विशेष पेय को पीते है तो इससे आपके पेट को काफी बढ़िया महसूस होगा यह आपके पित्त को बढ़ने में मदद करता है जो की पाचन क्रिया में काफी महत्वपूर्ण होता है यह आपके शरीर की सूजन को दूर करने में काफी मदद करता है इसके पत्ते आपके लिए काफी बहुत अच्छी चीज़ है इसमें कई तरह के खनिज तथा विटामिन्स पाए जाते है इसके अलावा इसमें केटोरिन नमक चीज़ भी होती है जो आपके स्वस्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है यदि आप इसके पत्तियों से बने हुए विशेष पेय का सेवन करते है तो आप बवासीर तथा गठियावात जैसी बीमारियों से छुटकारा पा सकते है इसके फल से बने हुए पाउडर से अआपकी खासी एवं सांस सम्बन्धी अन्य समस्यायों से निजात मिल सकता है आप इससे बने हुए उत्पादों को बाजार से खरीद भी सकते है यह सफ़ेद दाग एवं मधुमेह जैसी बीमारियों में भी आपकी काफी सहायता करता है इसके फल एवं पत्तिय लीवर को सूजन को कम करने में काफी मदद करते है.

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कहाँ करे इसकी खेती

अगर आप एक किसान है तथा आप इसकी खेती करना चाहते है तथा यह जानना चाहते है की इसकी खेती कैसे जलवायु में की जानी चाहिए तो आपको बता दे की आप इस फल को विभिन्न प्रकार की मिटटी मौसम में उगा सकते है लेकिन इसके गर्म मौसम काफी बढ़िया होता है ज्यादा फल उगने के लिए इसे बहुत सरे समय की जरुरत पड़ती है.आपको बता दे की इसके लिए ठण्ड या नमी वाला मौसम अनुकूल नही होता है ठण्ड में यह पौधा बीमार हो सकते है तथा गर्म एवं नमी वाले मौसम में यह पौधा मर जाता है तथा जब तेज हवा चलती है तो उसकी वजह से इसके फूल झड़ने लगते है तापमान का प्रभाव फल के बिकने के समय उसकी कीमत पर पड़ता है यह विभिन्न प्रकार की मिटटी में उग सकता है तथा आप जिस खेत में इसकी खेती करने वाले है उसमे जल निकासी की उचित व्यवस्था का होना अनिवार्य है.

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क्या है इसके उपयोग

आपको बता दे की औषधि के अलावा भी इस फल का उपयोग कई जगह होता है जैसे की कई जगह इसके फलो को ताजा या पकाकर खाया जाता है इसके फल को भोजन के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है कई लाग इनकी जैम तथा सोस भी बनाते है और हवाई में लोग इन्हें कूस्कूस तथा धनिया के साथ खाते है भारत तथा कोलंबिया जैसे देशो में इनका प्रयोग दही आइसक्रीम तथा सोस में होता है तथा ब्राज़ील एवं यूरोप में लाग इन फलो को चोकलेट में डूबा देते है और छोटी छोतिओ चीजों के रूप में इनको परोसा जाता है.

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कैसे करे इसकी बुवाई

अगर आप एक किसान है तथा आप इसकी खेती करना चाहते है तथा आप यह जानना चाहते है की इसकी बुवाई कैसे करनी है तो आपको बता दे की सामान्यतः इसके पौधे बीजो से ही उगाये जाते है लेकिन कई लाग पौषे बनाने के लिए कटिंग तथा लेयरिंग का भी प्रयोग करते है लेकिन अधिकांश लाग बीज से ही इसके पौधो को उगाते है उत्तर भारत में इनके बीजो को जून महीने के मध्य विशेष क्यारियों में बोया जाता है तथा ये लगभग एक महीने के पश्चात् ये 20 सेमी लम्बे हो जाते है तो उन्हें दुसरे क्षेत्र में लाया जाता है जहाँ वे आसानी से बढ़ सके तथा आपको बता दे यदि आप इनकी बुवाई करते है तो आपको हर पौधे के बीच लगभग 50 से 100 सेमी की जगह छोड़ देना है.

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कब होती है इसकी कटाई

अगर आप एक किसान है तथा आप यह जानना चाहते है की इसकी कटाई कब होती है तो आपको बता दे की जब इस पौधे की ऊपर की छोटी टोपी हरे से सुनहरे भूरे रंग की हो जाए तब आप इसके फल तोड़ सकते हैं। तथा कुछ फल ऐसे भी होते है जो की बिना खराब हुए कुछ समय तक पौधे पर लगे रह सकते हैं, परन्तु कुछ गिर भी जाते हैं तथा गीली जमीन की वजह से सड़ने से पहले उन्हें तोड़ना जरुरी हो जाता है। हमारे देश में उत्तर भारत में, ये पौधे फरवरी से अप्रैल तक एक विशिष्ट समय के दौरान उगते हैं तथा तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। तथा कई लोगों को यह सुनिश्चित करने हेतु कई बार वापस जाना पड़ता है ताकि वे सभी केप को इकट्ठा कर लेवे।

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