जैसा की आप जानते हैं की देश भर में धान की रोपाई का समय चल रहा था जिसके बाद अब अधिकांश किसानों ने अपने खेत में धान कि रोपाई का काम ख़तम कर लिया है. जानिए अब किन बातों का ध्यान रखकर आप कर सटके हैं अपनी पैदावार को दोगुना जानने के लिए, आगे पढ़ें…
अच्छी उपज के लिए क्या करें
अगर आप भी धान की फसल की खेती करते हैं तो आप को तो पता की धान की अच्छी फसल के लिए सिंचाई बहुत ज्यादा ज़रूरी है इसके लिए आपको अपने खेत में उत्तम सिंचाई व्यवस्था रखनी चाहिए साथ ही समय समय पर खाद और उर्वरक डालते रहना चाहिए. कई धान की किस्मों में बहुत जल्दी रोग लगने की सम्भावना रहती है ऐसे में कीटनाशक आदि का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. धान की अच्छी पैदावार के लिए खेत की जुताई के समय प्रति हेक्टेयर एक से डेढ़ क्विंटल गोबर की खाद खेत में मिला देना चाहिए. इसे फसल की अच्छी ग्रोथ होती है.
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इन स्टेप्स को करें फॉलो
अगर अभी की बात करें तो इन दिनों देश के अधिकांश इलाकों में धान की रोपाई के कारण खेत पानी से डूबे हुए दिखाई दे रहे हैं. अगर आप भी धान के किसान हैं तो और अपनी फसल की अच्छी पैदावार चाहते हैं तो इसके लिए आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो इससे आपकी फसल की पैदावार आसानी से बढाई जा सकती है. किसान अगर रोपाई के समय और रोपाई के बाद कुछ खास बातों का ख्याल रखें तो उन्हें धान की ज्यादा से ज्यादा और बेहतर क्वालिटी वाली उपज मिल सकती है. आइये जानते हैं किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है.
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इस तरह से करें धान की रोपाई
अगर बात करें धान की रोपाई की तो इसका समय जून के दूसरे-तीसरे सप्ताह से जुलाई के तीसरे-चौथे सप्ताह तक होता है इसी अंतराल के बीच धान की रोपाई की जाती है. धान की रोपाई के लिए दो पंक्तियों के बीच की दूरी 20 सेंटीमीटर और दो पौधौ की दूरी 10 सेंटीमीटर होनी चाहिए. एक स्थान पर एक बार में कम से कम दो से तीन पौधे एक साथ लगाने चाहिए. धान की फसल के लिए तापमान की परास 20 डिग्री से 37 डिग्री के बीच होना चाहिए. वैसे तो कैसी भी मिटटी में इसकी खेती की जा सकती है लेकिन इसके लिए दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. धान की फसल के लिए पहले कल्टीवेटर से अच्छे से 2 से 3 बार जुताई करना चाहिए. इसके बाद खेत को समतल करके तैयार कर लेना चाहिए. साथ ही खेत की मजबूत मेड़बंदी करनी चाहिए जिससे बारिश का पानी ज्यादा देर तक खेत में रोककर रखा जा सके.
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बीजोपचार करके ही लगायें
अगर बात करें धान की बुवाई की इसके लिए 40 से 50 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बोना चाहिए. वहीं एक हेक्टेयर खेत में धान की रोपाई के लिए 30 से 40 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है. लेकिन बीजों को खेत में बोने से पहले बीज का शोधन करना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए आप धान का बीजोपचार करके अपने खेत में लगा सकते हैं.
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सही समय पर करें खाद और उवर्रकों का प्रयोग
अगर आप धान या किसी भी फसल की खेती करते हैं और अच्छी उपज चाहते हैं तो इसके लिए जुताई के समय प्रति हेक्टेयर एक से डेढ़ क्विंटल गोबर की खाद खेत में मिलाते हैं. इससे फसल की ग्रोथ अच्छी होती है. साथ ही उर्वरक के तौर पर नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस का प्रयोग करते हैं. इसका प्रयोग दो से तीन बार किया जाना चाहिए.
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सिंचाई की अच्छी व्यवस्था रखें
धान की फसल एक ऐसी फसल है जिसको सबसे अधिक पानी की जरूरत होती है. धान की रोपाई के लिए खेत में पानी भरके रखना पड़ता है और रोपाई के बाद भी कम से कम 8 से 10 दिनों तक खेत में पानी का बना रहना बहुत जरूरी है. लेकिन समय समय पर खेत मेसे पानी खली भी करना पड़ता है ताकि पौधे गले नहीं. तेज धूप होने पर खेत से पानी निकाल देना चाहिए इससे पौधे गलते नहीं हैं. सिंचाई दोपहर के बाद करनी चाहिए जिससे रातभर में आराम से खेत का पानी सोख सके.
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कीटों पर नियंत्रण
कई बार धान की फसल में कीट बहुत जल्दी लगते हैं इससे बचाने के लिए जुताई, मेंड़ों की छंटाई और घास आदि की सफाई करते रहना चाहिए. साथ ही फसल को खरपतवारों से बचाकर रखना चाहिए. खेत में हर 10 दिन के अंतराल पर पौध पर कीटनाशक और फंफूदीनाशक आदि का छिड़काव करना चाहिए.
अगर आप इन स्टेप्स को अच्छे से फॉलो करते हैं तो निश्चित तौर पे आपकी धान की फसल की पैदावार बढ़ जाएगी.
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