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ईधन मिलेगा अब 66 रूपये में एक लीटर किसान और आम आदमी को फायदा ही फायदा जानिए कैसे

अब भारत में ऐसे वाहन लॉन्च किये जायेंगे जिसके ईंधन की कीमत मात्र 66 रूपये प्रति लीटर होगी भारत के परिवहन एवं यातायात मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है की वे अगस्त में ऐसे वहां लॉन्च करने वाले है जो को 100% एथेनॉल फ्यूल पर चलेंगे यह देश में एक बहुत ही सकारात्मक बदलाव लाने वाली पहल होगी, जो इम्पोर्ट-ऑप्शन, कॉस्ट इफेक्टिव, पॉल्युशन फ्री और पूरी तरह से स्वदेशी होगी।

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क्या आएगा परिवर्तन

अभी इस समय में भारतीय बाजार में एथेनॉल लगभग 66 रुपए लीटर के आसपास मिलता है तथा पेट्रोल 108 रुपए के आसपास मिल रहा है। अगर ऐसा संभव हो जाता है तो जल्द ही भारत मेंसड़कों पर सस्ते एथेनॉल से चलने वाली टू-व्हीलर व कारें दौड़ती हुई दिखेगी। केंद्रीय मंत्री द्वारा कहा गया है की इस साल से अगस्त से उनके द्वारा एथेनॉल पर चलने वाले वाहनो को लॉन्च किया जाएगा। बजाज, TVS तथा हीरो कंपनिया द्वारा 100% एथेनॉल से चलने वाली मोटरसाइकिलो का निर्माण किया हैं। उनके द्वारा कहा गया है कि टोयोटा कंपनी की 60% पेट्रोल तथा 40% बिजली के द्वारा चलने वाली कैमरी कार के जैसे ही अब देश में ऐसे वाहनो को लॉन्च करा जायेगा, जो कि 60% एथेनॉल तथा 40% बिजली के द्वारा चलेंगे।

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क्या है एथेनॉल को लेकर सरकार की पालिसी

जानिये क्या है एथेनॉल

एथेनॉल, अल्कोहल का एक प्रकार है जो कि स्टार्च व शुगर के फर्मेंटेशन के द्वारा तैयार किया जाता है। इसको पेट्रोल के साथ मिलाकर गाड़ियों में इको-फ्रैंडली इंधन की तरह इसका इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस द्वारा किया जाता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों के द्वारा भी एथेनॉल को तैयार किया जा सकता है। यह तीन प्रकार का होता है:-

  1. 1G एथेनॉल : फर्स्ट जनरेशन एथेनॉल को गन्ने के रस, मीठे चुकंदर, सड़े आलू, मीठा ज्वार तथा मक्के के द्वारा बनाया जाता है।
  2. 2G एथेनॉल : सेकंड जनरेशन एथेनॉल को सेल्युलोज तथा लिग्नोसेल्यूलोसिक पदार्थ जैसे कि चावल की भूसी, गेहूं की भूसी, कॉर्नकॉब (भुट्टा), बांस तथा वुडी बायोमास के द्वारा तैयार किया जाता है।
  3. 3G बायोफ्यूल : थर्ड जनरेशन बायोफ्यूल को एलगी के द्वारा बनाया जाएगा। अभी इस इंधन पर काम किया जा रहा है।

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देश में अप्रैल से बिक रहीं E-20

पेट्रोल तथा डीजल गाड़ियों के द्वारा होने वाले वायु प्रदुषण को रोकने तथा ईंधन के खर्चे को कम करने हेतु दुनियाभर की सरकारें एथेनॉल ब्लेंडेड ईंधन पर काम करने में लगी हुई हैं। भारत में भी एथेनॉल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इसके द्वारा गाड़ियों के माइलेज में भी बढ़ोत्तरी होगी। देश में पेट्रोल के साथ एथेनॉल का प्रयोग शुरू 5% से शुरू हुआ था जो की इस समय 20% तक पहुंच गया है। इस साल सरकार अप्रैल के महीने में नेशनल बायो फ्यूल पॉलिसी लागू कर E-20 (20% एथेनॉल + 80% पेट्रोल) से E-80 (80% एथेनॉल + 20% पेट्रोल) पर जाने की प्रक्रिया को शुरू कर चुकी है। इसके अतिरिक्त देश में अप्रैल से सिर्फ और सिर्फ फ्लेक्स फ्यूल कंप्लाइंट गाड़ियो को ही बेचा जा रहा हैं। साथ ही पुरानी गाड़ियो को एथेनॉल कंप्लाएंट व्हीकल में बदला जा सकता है, हालांकि अभी इस समय इसके लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार नहीं किया गया है।

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आखिर क्या है एथेनॉल के प्रयोग से फायदा

पेट्रोल में एथेनॉल को मिलाने पर पेट्रोल के उपयोग से जो प्रदूषण होता है उसे कम करने में मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल करने से गाड़ियां 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड छोड़ती है। तथा एथेनॉल सल्फर डाइऑक्साइड तथा हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी कम करता है। एथेनॉल में उपस्थित 35% ऑक्सीजन के चलते ये ईंधन नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है।

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आम आदमी को क्या फायदा

एथेनॉल से सबसे अधिक फायदा आम आदमी को होने वाला है एथेनॉल मिले हुए पेट्रोल के द्वारा चलने वाली गाड़ी पेट्रोल की तुलना में बहुत ही कम गर्म होती हैं। एथेनॉल में से अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्दी गर्म नहीं हो पाता है। इसके अतिरिक्त ये कच्चे तेल की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है । इसके द्वारा बढती हुई महंगाई से राहत मिलने की आशा है।

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किसानों को फायदा

 एथेनॉल के उपयोग के बढ़ने से किसानों की आमदनी भी ज्यादा होगा। चूँकि एथेनॉल को गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों के द्वारा किया जाता है। जिसका उत्पादन किसान करते है इसीलिए एथेनॉल के लिए कच्चा माल किसानो से ही लिया जाएगा तथा चीनी मिलों को कमाई का एक नया माध्यम मिल जायेगा तथा कमाई भी बढ़ेगी। एथेनॉल की वजह से किसानों को लगभग 21 हजार करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।

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