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धान की इस किस्म की अगस्त में हो जाती है कटाई,पानी भी लगता है कम

हेल्लो दोस्तों अगर आप एक किसान है तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत ही खास होने वाली है क्योकि इस पोस्ट में हम आपको धान की ऐसी किस्म के बारे में बताएँगे जो की बहुत ही कम समय में पक जाती है.

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कौन सी है ये किस्म

अगर आप एक किसान है तथा आप धान की खेती करना चाहते है तथा आप जानना चाहते है की आखिर यह कौन सी किस्म है जो की इतने जल्दी पक जाती है तो हम आपको एक उदहारण लेकर बाते है की धान की इस किस्म की खेती बिहार राज्य के एक किसान संजय सिंह ने की है जिनकी अब धान की फसल कटने वाली है उनका कहना ये है कि जायद फसल के सीजन में धान की खेती को करना किसानों के लिए बहुत लाभदायक होगा. क्योकि ऐसा करने से पानी की बर्बादी नहीं हो पाती है. आपको बता दे की बिहार राज्य कृषि प्रधान राज्य है. जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में भी कई किसान धान की रोपाई करने में लगे थे. लेकिन इनकी धान की कटाई अगस्त में ही शुरू हो चुकी है. इन्होने अपने खेत में एक एकड़ में इंडिया गेट धान की किस्म की खेती करी थी. आपको बता दे की इस किस्म से उनको 16 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान का उत्पादन प्राप्त हुआ. इनकी चर्चा पूरे जिले में की जा रही है.संजय सिंह जी अन्य किसान भाइयो के लिए एक मिसाल बन चुके हैं. आसपास के कई लोग अब इनसे खेती के बारे में सीखना चाहते हैं.आपको बता दे की संजय सिंह कैमूर जिले के बगाढ़ी गांव के निवासी हैं. उन्होंने इस साल गरमा धन की खेती की है.ये पिछले दो साल से इंडिया गेट किस्म की धान की खेती कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने इस साल जायद सीजन में इसकी खेती करने का निर्णय लिया तथा उन्हें इसमें सफलता मिली. इनका कहना यह है कि गरमा धान की खेती करने में खरीफ सीजन की तुलना में काफी कम खर्चा हुआ है.इससे उनके पानी की ज्यादा बर्बादी भी नही हुई.

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इस तरीके से करे इसकी खेती

अगर आप किसान है तो आपके लिए इस तकनीक से खेती करना काफी फायदेमंद होगा क्योकि ऐसा करने से आपकी फसल कम समय में तो आ ही जाएगी इसके साथ ही आपके पानी की बर्बादी भी नही होगी अगर आप यह जानना चाहते है की आखिर ये सब किस तरीके से करना है तो आपको बता दे किसान संजय सिंह ने बताया कि गरमा धान की खेती करने का आईडिया उन्हें उत्तरप्रदेश राज्य के अंबेडकर नगर से प्राप्त हुआ. वहां किसानों को उन्होंने जायद फसलो के सीजन में देखा की कई किसान वहां धान की खेती कर रहे है . इसके बाद वे अपने गाँव आये और गरमा धान की खेती को करना शुरू किया.आगे उन्होंने बताया की अप्रैल के महीने में इंडिया गेट धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बुवाई करी.वहीं मई के अंतिम महीने अंतिम सप्ताह में इसकी रोपाई की.तथा मात्र 45 दिन में ही इनकी फसल तैयार हो गई. लेकिन, बारिश के कारण इसकी कटाई 20 लेट हो गयी. इसके कारण धान को अगस्त में काटना पड़ा.

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कितना होगा उत्पादन

अगर आप एक किसान है तो आपको बता दे की जायद सीजन में आपको केवल दो बार ही धान की फसल की सिंचाई करनी पड़ती है, जिससे की आपके खेत में नमी बनी रहे. साथ ही ऐसे में खेती करने से लागत भी कम आती है. उनकी माने तो जायद सीजन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि केवल 45 से लेकर 50 दिनों में आपकी फसल कटने के लिए तैयार हो जाती है. यदि आप परंपरागत तरीके से धान की खेती करते है तो फसल को तैयार होने में 130 से लेकर 140 दिन का समय लग जाता हैं. संजय सिंह जी का कहना यह है कि 16 क्विंटल धान से लगभग 11 क्विंटल तक चावल का उत्पादन होगा. तथा इस समय 10 किलो इंडिया गेट चावल 1000 रूपये में मिल रहा है. इस प्रकार वे 1100 किलो चावल को बेचने के बाद एक लाख रुपये भी ज्यादा कमा सकते हैं.

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