धान की खेती : जैसा की आप जानते हैं की देश में धान की खेती शुरू हो गयी है ऐसे में ये जानना किसानो के लिए बहुत ज़रूरी है की कौनसी खाद कब डालनी चाहिए जानने के लिए आगे पढ़ें …
धान की खेती
मानसून ने लगभग पूरे देश में दस्तक दे दी है ऐसे में किसानो ने धान की फसल लगाने की तैयारी और तेज़ कर दी हैं. इसके लिए किसान पहले धान की नर्सरी लगाते हैं उसके बाद उसमे से धान के पौधों को निकालकर खेत में लगाया जाता है. इस काम को किसान मजदूर की या फिर पैडी ट्रांस्प्लान्टर की मदद से करते हैं. खेत में लगाने के बाद सबसे ज़रूरी होता है की फसल की देख भाल अच्छे से की जाये. इसके लिए खेत में पानी से लेकर खाद उर्वरक सभी बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. धान के खेत में पानी पूरे समय भरा रखना पड़ता है साथ ही इसे रोगों और कीटों से बचाने के लिए इसमें सही समय पर खाद और कीटनाशक आदि डालने की ज़रूरत होती है. आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ ऐसी खाद और कीटनाशक के बारे में जिनके उपयोग से आप अपनी फसल के उत्पादन को बाढा पाएंगे. आइये जानते हैं कैसे आप अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं ..
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धान की फसल में कैसे डाले खाद
आपको अपनी फसल में खाद अपने खेत की मिटटी के हिसाब से ही डालना चाहिए पहले मिटटी का परिक्षण करें उसके बाद ही उसमे खाद का चयन करे. क्योंकि आपको जब तक यह पता नहीं होगा की आपके खेत में किस पोषक तत्त्व की कमी है तब तक आप सही उर्वरक का उपयोग नहीं कर पाएंगे. इसीलिए आपको अपनी खेत की मिटटी के अनुसार ही खाद का चुनाव करना चाहिए.
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इन पोषक तत्वों के लिए डाली जाती है खाद
आपके खेत की मिटटी ठीक है फिर भी कुछ खाद ऐसी हैं जिनको आप अपनी फसल में डालेंगे तो इससे आपका उत्पादन बहुत ही अच्छा होगा. किसान फसलों के लिए आवश्यक इन पोषक तत्वों की पूर्ति निम्न खादों का उपयोग करके कर सकते हैं। सबसे पहला है नाइट्रोजन यह पौधों की ग्केरोथ के लिए बहुत ज़रूरी है इससे पौधे की पत्तियां जड़ तना आदि सबकी वृद्धि होती है. इसकी पूर्ती के लिए यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद पौधों के लिए दूसरी सबसे ज्यादा ज़रूरी चीज़ है फास्फोरस यह पौधों में बीज तथा फलों के विकास का काम करता है जिसके लिए डीएपी या सिंगल सुपर फास्फेट जैसी खाद का इस्तेमाल किया जाता है. नंबर 3 पर आता है पोटाश यह पौधों में प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता विकसित करता है इसकी कमी दूर करने के लिए म्यूरेट आफ पोटाश का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा एनपीके के लिए मिश्रित उर्वरक का उपयोग किया जाता है।
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कब और कितनी खाद डालें
सामान्यतः खेत में जुताई के समय 6 से 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद को खेत में डालने से खेत की भौतिक दशा बहुत अच्छी हो जाती है और यह पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए तैयार हो जाता है। धान की फसल के खेत की तैयारी के उपरांत धान की अवस्था अनुरूप खाद का उपयोग करने से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। इसके बाद धान लगाने से उसके उगने तक खेत में केवल नाइट्रोजन की ज़रूरत होती है क्योंकि इसी से पौधों की वृद्धि होती है.
साथ ही किस किस्म की धान आपके खेत में लगी है इसका भी बहुत प्रभाव पड़ता है खाद का उपयोग धान की किस्मों के अनुसार ही करना चाहिए। आपके खेत में किस किस्म की धान लगी है इसी के अनुसार आपको अपने खेत में खाद डालना चाहिए
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धान की वेराइटी के अनुसार डाले खाद
अगर आपने अपने खेत में धान की जल्दी पकने वाली किस्म लगाईं है तो इसके लिए खेत की तैयारी के समय उर्वरक प्रति एकड़ मात्रा खेत में मिलाने के लिये 24 किलो यूरिया (नाइट्रोजन) 24 किलो डी ए पी (फास्फोरस ) इसी के साथ 24 किलो पोटाश जिसके लिए आधा बोरी पोटाश के माध्यम से उपरोक्त पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है। इसके एक से डेढ़ महीने बाद फिरसे यूरिया डालना चाहिए.
अगर आप मध्यम पकने वाली किस्म की खेती कर रहे हैं तो इसके लिए खेत की तैयारी के समय उर्वरक प्रति एकड़ मात्रा खेत में मिलाने के लिये 30 किलो यूरिया (नाइट्रोजन), 24 किलो डी ए पी (फास्फोरस ) व 24 किलो पोटाश जिसके लिए आधा बोरी पोटाश के उपयोग से उपरोक्त पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है। इसके एक से डेढ़ महीने बाद 30 किलोग्राम नाइट्रोजन जिसके लिए यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करना चाहिए।
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अगर आप धान की सुगंधित एवं बौनी किस्मों की खेती करते हैं जो देर पकने वाली है, उसके लिये प्रति एकड़ खेत में 48 किलो यूरिया (नाइट्रोजन), 24 किलो डी ए पी (फास्फोरस ) और 24 किलो पोटाश की जरुरत होती है। वहीं, जल्दी और मध्यम पकने वाली किस्मों की बात करें तो इन में प्रति एकड़ भूमि में 48 किलो यूरिया (नाइट्रोजन), 12 किलो फास्फोरस और 12 किलो पोटाश का डाला जाना चाहिए।
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