HomeAgricultureधान की फसल बर्बाद कर देंगे ये रोग, पहले ही जान लें...

धान की फसल बर्बाद कर देंगे ये रोग, पहले ही जान लें वरना होगा भारी नुकसान

जैसा की आप जानते हैं की हमारे देश में लाखों किसान इस समय धान की खेती कर रहे हैं. धान की कई ऐसी किस्मे होती हैं जिनमे काफी ज्यादा रोग लगने की सम्भावना रहती है ऐसे में यह जरुरी है की किसानों को पहले से ही इन रोगों और इनकी रोकथाम के बारे में पता हो. आइये जानते हैं कौनसे रोग धान में लगते हैं और इन्हें कैसे रोका जाता है.

कौन कौन से रोग से प्रभावित होती है धान की फसल

जैसा की हमने बताया धान में कई सारे रोग लगने की सम्भावना रहती है जैसे झोंका (ब्लास्ट), झुलसा, खैरा, हल्दी गांठ आदि रोग लगने से धान की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचता है. ऐसे में यह बहुत ज़रूरी है किसानों को यह पता हो आखिर ये रोग किस चीज़ की कमी से या किस वजह से लगते हैं तो वे अपनी फसल में रोग लगने से पहले से उसकी रोकथाम कर सकें. यह रोग कैसे फैलते हैं इन्हें रोकने के लिए क्या करना चाहिए, इन्हें और ज्यादा फैलने से कैसे रोका जाये और अगर फसल में ये रोग लग जाये तो उसका इलाज कैसे किया जाये इन सभी बातों की जानकारी आपको आगे दी गयी है जानने के लिए लेख को आखिर तक ध्यान से पढ़ें..

यह भी पढ़ें :-इस तरीके से करे अपने खेत की मिटटी का परीक्षण और अपनी फसल का उत्पादन करे दुगुना

1. झोंका या ब्लास्ट रोग

अगर बात करें धान में ब्लास्ट रोग की तो यह फफूंद से फैलता है। इस रोग से पौधों के सभी भाग प्रभावित होते हैं। इसका प्रभाव असिंचित धान में बहुत अधिक होता है इस रोग से ग्रसित होने पर पत्तियां झुलसकर सूख जाती हैं और गांठों पर भी भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं, इससे पौधे को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है. इसी के साथ साथ इस रोग में तनों की गांठे पूर्णतः या फिर उसका कुछ भाग काला पड़ जाता है। कल्लों की गांठों पर कवक के आक्रमण से भूरे धब्बे बनते हैं, जिनसे गांठ के चारों ओर से घेर लेने से पौधे टूट जाते हैं।धान की बालियों पर भी इस रोग का असर बहुत ज्यादा होता है.

रोकने के उपाय

इस रोग को रोकने के लिए बीज का चयन रोग रहित फसल से किया जाना चाहिए इसी के साथ बीज का चयन करते समय यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए की बीज में किसी तरह की फफूंद न हो. इसी के साथ बीजोचार करके ही बीज को खेत में डाला जाना चाहिए इसके लिए ट्राइसाइकलेजोल का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद अगर आपकी फसल में रोग लग जाता है तो इसके लिए आप कार्बेन्डाजिम और इंडोफिल एम-45 का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इसके पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

यह भी पढ़ें :-इस फूल की खेती करके कमाएंगे आप पूरे साल बहुत मुनाफा,त्योहारों पर होगी बम्पर कमाई

2. झुलसा रोग

धान में झुलसा रोग भी बहुत आम है इससे भी काफी बड़े पैमाने पर धान की फसल की बर्बादी होती है. इसमें धान के पौधे की पत्तियों पर असर होता है और धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाता है. इसमें पहले पत्तियों के नोक या फिर किनारे से पत्ती का सूखना शुरू होता है और धीरे-धीरे पत्ती सूख जाती है. इस रोग के लगने पर सूखी हुई पत्तियां टेढ़ी-मेढ़ी दिखाई देने लगती हैं और बालियों में दाने नहीं पड़ते.

रोकने के उपाय

इस रोग से फसल को बचाने के लिए लगाने से पहले बीजोपचार करें. हमेशा शुद्ध बीजों का ही उपयोग करें. अगर यह रोग आपके खेत में लग जाता है तो उस खेत में नाइट्रोजन का उपयोग कम कर दें और उस खेत का पानी दुसरे खेत में न जाने दें. और खेत में जल निकासी की उत्तम व्यवस्था करें.

यह भी पढ़ें :-इसकी खेती करके आप भी कमा सकते है लाखो रूपये,काफी रहती है इसकी डिमांड

3.खैरा रोग

खैरारोग धान के खेत में जिंक की कमी से लगता है इस रोग से ग्रसित होने पर पौधे की पत्तियां नीचे से पीली पड़ना शुरू हो जाती हैं और उन धब्बे दिखाई देने लगते हैं इसके बाद पौधे की सूखने जैसी स्थिति बन जाती है और उसकी वृद्धि रुक जाती है.

रोकने के उपाय

धान की फसल को इस रोग से बचाने के लिए रोपाई के पहले खेत में जिंक सल्फेट का प्रयोग करना चाहिए. इससे फसल में यह रोग लगने से पहले ही सुरक्षित किया जा सकता है. अगर फिर भी आपके खेत में ये रोग लग जाता है तो इसके लिए आपको अपने खेत में जिंक सल्फेट और चूने का इस्तेमाल करना चाहिए. इसकी मात्रा खेत के हिसाब से अलग अलग हो सकती है इसीलिए उपयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

यह भी पढ़ें :-इन चीजों की घर पर ही करे खेती और बचाए अपने हजारो रूपये

4.हल्दी गांठ रोग

यह रोग भी फफूंद के जरिये फैलता है. इसका असर धान के पौधे से सबसे खास भाग यानि बालियों पर पड़ता है इसमें बालियों पर गाठें बन जाती है. जिससे उनमे दाने ठीक से नहीं आ पाते. पहले इस रोग से ज्यादा बर्बादी नहीं होती थी लेकिन ज्यादा उपज वाली धान की किस्मों के बढ़ते प्रयोग के साथ साथ इस बीमारी का भी प्रभाव बढ़ा है. इस रोग से धान की उपज बहुत अधिक प्रभावित होती है इससे करीब 40% धान तक बर्बाद हो सकती है.

रोकने के उपाय

धान के अच्छे बीज का चयन करना चाहिए साथ ही बीजोपचार का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. खेत की जुताई के समय इस बात का ध्यान रखें की खेत में थोड़ी गहरी जुताई करें और उसके बाद उसे तेज धुप में छोड़ दें.

यह भी पढ़ें :-इस फसल से कमा सकते है अच्छा मुनाफा,काफी महंगे बिकते है इससे बने उत्पाद

मंडी भाव ग्रुप से जुड़ें –

Telegram mandi bhav groupJoin Now
Whatsapp Group Join Now
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments