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अगर आप भी धान और मूंग की फसल की खेती करते हैं तो समय रहते जान लीजिये इन आंकड़ो के बारे में वरना हो सकता है नुकसान

हमारे देश की अधिकांश जनसँख्या खेती किसानी करके अपनी जीविका चलाती है इसीलिए भारत एक कृषि प्रधान देश है. अभी किसानो ने अपने खेत में मूंग की फसल लगाई है अब कुछ ही समय में धान का सीजन आ रहा है किसानो ने धान लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन कुछ आंकड़े सरकार के सामने आये हैं जिससे यह पता चला है की कुछ फसलों का रकबा देश में बढा है वहीँ कुछ का कम भी हुआ है, जानिए कौनसी फसल ग्रोथ कर रही है…….

जानिए किस फसल की खेती बढ़ रही है

देश की अधिकांश आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है, इसलिए भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है. भारत कृषि क्षेत्र में लगातार वृद्धि कर रहा है. जिस क्षेत्र में ग्रोथ नहीं हो पा रही है सरकार उन्हें बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी है. धान, मोटे अनाज, दलहन और तिलहन को लेकर केंद्र सरकार के सामने कुछ आंकड़ें आए हैं. अच्छी बात ये है कि भारत कृषि के क्षेत्र में लगातार वृद्धि कर रहा है, जिस भी क्षेत्र में ग्रोथ कम होती है. वहां केंद्र सरकार पर अपना फोकस बढ़ा देती है. केंद्र सरकार की ओर से गर्मियों में फसली रकबे का मूल्यांकन किया जा रहा है. इन आंकड़ो के हिसाब से कुछ राहत तो कुछ परेशान करने वाले भी हैं. 

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दलहन और मोटे अनाज वाली फसलों में हुई ग्रोथ

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों में बहुत कम कमी दर्ज की गयी है. गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों का रकबा बहुत कम घटा है. पिछले साल 28 अप्रैल तक गर्मियों की फसल का कुल रकबा 66.02 लाख हेक्टेयर था, जोकि इस साल थोड़ा सा घटकर 65.29 लाख हेक्टेयर हो गया है. आंकड़ों के अनुसार, धान और तिलहन वाली फसलों का रकबा पिछले साल की अपेक्षा कम हुआ है, जबकि दलहन और मोटे अनाज वाली फसलों में बढोत्तरी हुई है. इनका रकबा बढ़ा है. 

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धान और तिलहन फसलों का रकबा घटा

कृषि मंत्रालय की ओर से 28 अप्रैल 2023 तक के जो आंकड़ें सामने आए हैं. आंकड़ों के हिसाब से, पिछले साल धान का रकबा 29.14 लाख हेक्टेयर था, जोकि घटकर 27.45 लाख हेक्टेयर हुआ है. अगर बात करें तिलहन की तो इसका रकबा एक साल पहले इसी अवधि तक 10.46 लाख हेक्टेयर था, जोकि इस साल घटकर 9.40 लाख हेक्टेयर रह गया है. 

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दलहन, मोटे अनाज वाली फसलों का एरिया बढ़ा

आंकड़ो के हिसाब से देश में दलहन फसलों के रकबे में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है. पिछले सीजन में दलहन का रकबा 16.23 लाख हेक्टेयर था, जोकि अब बढ़कर 17.57 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं, मोटे अनाज का एरिया पिच्छले साल 10.19 लाख हेक्टेयर था जो बढ़कर 10.86 लाख हेक्टेयर हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से दलहन और मोटे अनाज का एरिया बढ़ने पर खुशी जताई गयी है. लेकिन धान का रकबा कम होना चिंता का विषय हो सकता है  

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