बेमौसम बरसात और ओला वृष्टि से हर फसल को नुकसान पहुँचता हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जीरे के उत्पादन में गिरावट आई है. इससे प्रोसेसिंग यूनिट में जीरे का स्टॉक कम पड़ गया है.
चीन में मांग बढ़ने से जीरा हुआ महंगा
चीन में मांग बढ़ने से भारत में जीरा महंगा हो गया है. पिछले कुछ महीने के अंदर जीरे की कीमत में 50% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे आम जनता को जीरा खरीदने में परेशानी का सामना करना पड रहा है. अभी एक क्विंटल जीरे का रेट 49,440 रुपये है. हालांकि, बीते मार्च और अप्रैल महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने भी जीरे की फसल को प्रभावित किया था. इससे मंडियो में जीरे की आवक घट गई और कीमत बढ़ गयी. लेकिन जीरे की कीमत में बढ़ोतरी की मुख्य वजह चीन में अचानक मांग बढ़ने को बताया जा रहा है.
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स्थानीय मार्केट में स्टॉक की हुई कमी
चीन में जीरे की अचानक से मांग बढ़ी है जिसे पूरा करने के लिए भारतीय व्यापारी बड़े स्तर पर मंडियों से जीरे का निर्यात चीन में कर रहे हैं. इससे स्थानीय मार्केट में जीरे के स्टॉक में कमी हो गई है, जिससे जीरे की कीमत में इजाफ़ा हो गया है. पिछले 12 दिनों के अंदर भारत ने चीन में 350 कंटेनर जीरे का निर्यात किया गया है. वहीं, चीन के बाद बांग्लादेश में भी जीरे का निर्यात किया जा रहा है. हालांकि, फिलहाल देश में जीरे की घरेलू मांग रेगुलर डिमांड की तुलना में केवल 15 से 20 फीसदी ही है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जीरे के उत्पादन में गिरावट आई है. जिससे प्रोसेसिंग यूनिट में जीरे का स्टॉक में कमी आई है. इसी बीच चीन में बढ़ती जीरे की मांग ने कीमत में बढ़ोत्तरी के लिए मजबूत रास्ता बना दिया. ऐसे में कुछ महीने के अंदर ही जीरा देखते ही देखते 50% तक महंगा हो गया.
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स्थानीय मंडियों में घटी जीरे की आवक
अप्रैल महीने में जीरे की 55 से 60 लाख बोरी होगी ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, 50 लाख बोरी पर ही जीरे की आवक रूक गई. देश के सबसे बड़े उंझा मंडी में जीरे की आवक प्रभावित हुई है. यहां पर एक महीने पहले रोज तीस से पैतीस हज़ार बोरी जीरे की आवक होती थी, लेकिन अब घटकर सात आठ हज़ार बोरी पर पहुंच गई है. वहीं, राजस्थान के मंडियो में भी रोज इतनी ही जीरे की आवक हो रही है.
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20 जून के बाद मंडियों में आएगी नई फसल
अफगानिस्तान औऱ सिरिया में जीरे की नई फसल 20 जून के बाद मंडियों में आ जाएगी. इस बार अफगानिस्तान में जीरे की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है. वहीं, सीरिया में भी तीस हज़ार टन जीरा उत्पदान का लक्ष्य रखा गया है.अफगानिस्तान औऱ सिरिया का जीरा जब मार्केट में पहुंचेगा, तो कीमतों में कुछ गिरावट आने की उम्मीद है.
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