जैसा की आप जानते हैं की देश में मानसून एक हफ्ते की देरी से पहुचे हैं ऐसे 1 जून को मानसून केरल में आते हैं लेकिन इस बार 8 जून को केरल में मानसून की दस्तक हुई थी. इसके बाद से मानसून काफी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. सभी राज्यों में मानसून के आने में देरी हो रही है .
औसत से कम हो रही है बारिश
केरल में मानसून आ जाने के बाद भी अभी बारिश ठीक से नहीं हो रही है औसत से कम हो रही है. साथ ही मानसून बहुत धीरे-धीरे देश में आगे दूसरे राज्यों की तरफ बढ़ रहा है. कई राज्यों में तो अभी मानसून की दस्तक भी नहीं हुई है उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित कई राज्यों में लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं. और जिन राज्यों में मानसून पहुचे है वह भी अभी बारिश नहीं हो रही है. बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में मानसून की दस्तक के बाद भी प्रचंड गर्मी पड़ रही है. लू और तेज धूप के कारण लोगों का हाल बेहाल हो गया है इतनी गर्मी में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. गर्मी का प्रकोप इतना बढ गया है की फसलों की सिंचाई न हो पाने से फसलें सूख रही हैं.
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बढ़ेगी महंगाई
एक तो मानसून देरी से आ रहे हैं ऊपर से जिन राज्यों में मानसून आया रहे हैं वहां भी अभी बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में किसानों के बीच अलनीनो का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है. वहीं, जानकारों का कहना है कि अगर मौसम का हाल इसी तरह से ख़राब रहा तो आने वाले समय में, इसका असर महंगाई पर पड़ेगा . जिससे खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी. साथ ही अन्य चीज़ों के दाम भी बढ़ने की आशंका है.
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अलनीनो की वजह से बढ़ी महंगाई
मीडिया रिपोर्ट की माने तो , अलनीनो की वजह से देश में खुदरा महंगाई में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है. इसमें 0.5 से 0.6 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ी है. खास बात यह है कि इसके चलते से दाल, चावल, आटा, गेहूं और मक्का सहित खाने-पीने की सभी चीजें भी महंगी हो रहीं हैं. अगर इसी तरह चलता रहा तो इसका असर हरी सब्जियों के ऊपर भी पड़ सकता है. इससे बाजार में आने वाली हर सब्जी, टमाटर, लौकी, खीरा आदि हरी सब्जियों की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी.
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8 जून को हुई मानसून की दस्तक
जानकारी के लिए बता दें कि केरल में मानसून की दस्तक 8 जून में हुई थी. इसके बाद से मानसून बहुत ही मंद गति से चल रहा है. देश के सभी राज्यों में यह देर से पहुंच रहा है. खास बात यह है कि मानसून के बिहार सहित कई राज्यों में पहुँचने के बाद भी समान्य से भी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसका असर धान की बुवाई पर पड़ेगा साथ ही सामान्य से कम बारिश होने से अन्य खरीफ फसलों की बुवाई पर भी असर पड़ेगा. यदि मानसून ने गति पकड़ी, तो देश में महंगाई बढ़ सकती है साथ ही फसलों की बुवाई पर भी असर पड़ेगा .
तेज रहेगी महंगाई की दर
अगर बात करें देश में महंगाई की तो इस समय देश में अलनीनो और अब कम बारिश के कारण महंगाई के बढ़ने के अनुमान लगाये जा रहे हैं. इस समय देश में बारिश सामान्य से 53 प्रतिशत कम दर्ज की गई है. अगर बारिश ठीक से होती है तो भी जुलाई महीने से आम तौर पर हरी सब्जियां महंगी हो जाती हैं. वहीं, अगर बात करें महंगाई की दर की तो ब्रोकरेज फर्म ने फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में महंगाई 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. जबकि, इसी मामले में रिजर्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई 5 प्रतिशत या उससे कम भी रह सकती है.
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चीनी का उत्पादन हुआ कम
बता दें कि देश में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले कमी दर्हैज की गयी है. साथ ही चावल की भी स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं है. इस्मा के मुताबिक, चीनी का उत्पादन पहले 3.40 करोड़ टन था जो घटकर 3.28 करोड़ टन पर पहुंच गया है. वहीं, बात अगर चावल की करें तो अलनीनो की वजह बारिश ठीक से नहीं होने का खतरा है इससे इसका रकबा इस बार सिकुड़ सकता है. बारिश कम होने की वजह से किसान धान की बुवाई कम करेंगे और करेंगे भी तो इसका उत्पदान पर असर पड़ेगा, क्योंकि धान की फसल को बहुत अधिक पानी की जरूरत पड़ती है. ऐसे में धान के उत्पादन में गिरावट आएगी और चावल की कीमते बढ़ जाएँगी, जिसका असर थोक और रिटेल मार्केट में भी देखने को मिल सकता है.
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