हेल्लो दोस्तों इस साल सब्जियों में रिकॉर्ड महंगाई देखने को मिली है टमाटर ने तो लोगो के अभी भी होश उड़कर रखे ही थे की अब उसी की तरह लहसुन के दाम भी अब सातवे आसमान पर है इसका कारण जानने के लिए पोस्ट को पूरी एवं ध्यान से पढ़े.
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क्या है लहसुन की बाजार में स्थिति
अगर आप एक किसान है तो आपको तो यह मालूम ही होगा की विगत वर्ष में लहसुन का इतना अधिक उत्पादन हुआ था की होलेसे बाजार में लहसुन के दम अचानक से बहुत ही ज्यादा गिर चुके थे जिसकी वजह से लहसुन की खेती करने वाले किसान अपनी लागत भी नही निकल पाए थे.लेकिन आपको बता दे की इस साल देश में बहुत समय से सब्जियों की महंगाई घट ही नही रही है. अभी टमाटर के भाव ही इतने अधिक थे ही की अब लहसुन भी 170 रुपये प्रति किलो से भी अधिक हो चुका है. आपको बता दे की देश कई शहरों में तो लहसुन के दाम 180 रुपये किलो के लगभग हो चुके है.बिहार की राजधानी पटना में इस समय लहसुन की कीमत 172 रुपये प्रति किलो है. वहीं दूसरी ओर कोलकता शहर में लहसुन 178 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है. आपको बता दे की लहसुन की कीमत तीन से चार महीने पहले काफी कम थी. मार्च महीने तक यह रिटेल मार्केट में 60 से 80 रुपये किलो के भाव से बिका था. परन्तु मानसून के आने के बाद लहसुन के दाम काफी बढ़ गए हैं.मध्य प्रदेश की सब्जी मंडियों में तो किसानों ने 5 से 8 रुपये किलो के भाव से लहसुन को बेचा था. ऐसी स्थिति में किसानो को सही कीमत नही मिली तो कई किसानो ने लहसुन को सड़क के किनारे ही फेक दिया था. लेकिन पिछले महीने से अचानक कीमतों में उछाल आ जाने के बाद जो किसान सड़क पर लहसुन फेक रहे थे वे अब काफी मालामाल हो चुके है क्योकि अभी इस समय बाजार में थोक में भी लहसुन 150 मिल रहा है ऐसे में रिटेल मार्किट में भी लहसुन काफी महंगा है जिससे किसान अभी काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे है.
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यह है मुख्य वजह लहसुन के दाम बढ़ने की
लहसुन के व्यापारियों का मानना यह है की मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक राज्य है. मध्यप्रदेश का वातावरण मौसम तथा मिट्टी लहसुन की खेती करने हेतु काफी अनुकूल है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार ,पूरे देश में जितना लहसुन का उत्पादन किया जाता है उसमे मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 62.85 प्रतिशत है. परन्तु पिछले वर्ष लहसुन पर किसानो को भाव न मिलने के कारण लहसुन का उत्पादन करने वाले किसानों ने बहुत नुकसान उठाया है. इसकी वजह लहसुन की खेती करने वाले कई किसान कर्ज में डूब गए है. इस कारण से किसानों के द्वारा इस साल लहसुन की खेती को कम कर दिया गया, जिससे लगभग 50 प्रतिशत तक लहसुन के रकबे में कमी हो गयी है.ऐसे में अभी बाजार में जितनी ज्यादा डिमांड हो रही है लहसुन की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इसीलिए अचानक से लहसुन की कीमत बढ़ गईं है.
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मध्य प्रदेश से लहसुन के दाम
अगर आप मध्यप्रदेश के किसान है या नही भी है तथा यह जानना चाहते है की आखिर मध्यप्रदेश में लहसुन की खेती एवं उत्पादकता कैसोई है तो आपको बता दे की मध्य प्रदेश राज्य से पूरे भारत देश में लहसुन की सप्लाई की जाती है. यहां से दक्षिण भारत, महाराष्ट्र तथा दिल्ली के साथ साथ अन्य कई राज्यों में लहसुन का निर्यात किया जाता है.ऐसे में जब मध्य प्रदेश की मंडियों में ही लहसुन के दाम ही इतने बढ़ गए है तो दूसरे राज्यों में भी इसके भाव बहुत ऊपर जा चुके है. वहीं मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में लहसुन का उत्पादन करने वालो का कहना यह है कि किसानों ने पिछले साल हुए घाटे के कारण लहसुन की खेती को आधा कर दिया है . लेकिन इस बार की बढती हुयी कीमतों को देखते हुए फिर से लहसुन के रकबे में बढ़ोतरी करेंगे. आशा है कि इस वजह से लहसुन की नई फसल आने के बाद लहसुन की कीमत फिर से कम हो जाएगी.
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उत्तर प्रदेश में कितना होता है लहसुन का उत्पादन
भारत में मध्य प्रदेश राज्य के बाद राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में लहसुन की खेती सबसे ज्यादा की जाती है. केवल ये तीनों राज्य ही मिलकर 85 फीसदी तक लहसुन का उत्पादन कर लेते हैं. आपको बता दे की राजस्थान 16.81 प्रतिशत लहसुन का उत्पादन करता है, वही उत्तरप्रदेश लगभग 6.57 प्रतिशत तक लहसुन का उत्पादन कर लेता है.
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