HomeAgricultureकाला चावल है सबसे ख़ास 500 रूपए किलो बिकता है बाजार में

काला चावल है सबसे ख़ास 500 रूपए किलो बिकता है बाजार में

काला चावल: काले धान से निकले इस काले चावल की कीमत है सामान्य से 10गुना ज्यादा जानिए क्या है ख़ास इस चावल में, पूरी जानकारी लेख में आगे दी गयी है

धान की खेती

नमस्कार, दोस्तों जैसा की आप जानते हैं हमारे देश में मानसून ने दस्तक दे दी है ऐसे में सभी किसानो ने धान लगाने की तैयारी कर ली है. हमारे देश में सबसे ज्यादा चावल की ही खेती की जाती है सभी किसान देश के अलग अलग हिस्सों में धान की अलग अलग किस्मों की खेती करते हैं. जिसमे से बासमती के साथ अन्य धान की किस्मे शामिल है. लेकिन आज हम धान की जिस किस्म के बारे में आपको बताने जा रहे है वह धान की बहुत है ख़ास किस्म है. इसके पहले हम आपको बता दे की कई किसान धान को सीधे नहीं बेचते उसमे से चावल निकलकर बेचते हैं इससे उन्हें ज्यादा मुनाफा होता है क्योंकि धान से चावल ज्यादा महंगा बिकता है. तो आज हम आपको धान की जिस वेराइटी के बारे में बताने जा रहे है उसके चावल बाजार में 400 से लेकर 500 रूपए किलो बिकते हैं. जी हाँ, इतने महंगे ये सामान्य चावल से लगभग 10 गुना ज्यादा है.

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काले धान के चावल है सबसे ख़ास

आपने शायद ही काले चावल के बारे में सुना होगा. लेकिन चावल की यह किस्म भी पाई जाती है और यह बहुत ही अधिक कीमत पर बिकती है . अगर बात करें इसकी कीमत की तो काले धान से निकलने वाले काले चावल की बाजार में कीमत 400 से 500 रुपये किलो तक होती है. वहीं सामान्य चावल मुश्किल से 30 से 40 रुपये किलो के रेट पर बिक पता है. ये चावल क्यों इतना मेहेंगा बिकता है और इसकी खेती कैसे की जाती है ये सभी जानकारी आगे दी गयी है जानने के लिए आगे पढ़ते रहें.

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क्यों ख़ास है ये काला चावल

भारतीय किसानों को अब यह बात समझ में आ गयी है कि अगर कृषि से मुनाफा कमाना है तो ऐसी फसल लगानी होगी जिसकी बाजार में डिमांड भी ज्यादा हो और उसे बेचने पर रेट भी अच्छा मिले. काला चावल भी इसी तरह की एक फसल है. इसकी इतनी कीमत के कारण इसे कृषि के क्षेत्र में बहुत से लोग काला सोना भी कहते हैं. लेकिन इसमें सामान्य चावल की तरह पोषण ही नहीं कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. काले चावल में कई ऐसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो और किसी भी चावल में नहीं मिलते. काले धान से निकलने वाले काले चावल की बाजार में क्यों इतनी डिमांड होती है और आखिर क्यों ये इतना महंगा बिकता है. इसमें विटामिन बी, विटामीन ई, कैल्शियम, आयरन, मैग्नेशियम, जिंक और कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. जिसके चलते इसकी कीमत इतनी बढ़ जाती है

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कैसे की की जाती है काले चावल की खेती

अब बात आती है की इसकी खेती कैसे की जाती है. तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की इसकी खेती बिल्कुल वैसी की जाती है जैसे की नॉर्मल धान की होती है. मई के महीने में इसकी नर्सरी लगाई जाती है और जून में इसकी रोपाई शुरू हो जाती है वैसे कई जगह मौसम के हिसाब से इसकी अवधि में बदलाब हो सकता है. अगर बात करें इसके तैयार होने में लगने वाले समय की तो यह करीब 5 से 6 महीने में पक पाता है. भारत में इस समय , मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और अन्य कई राज्यों में काले चावल की खेती की जा रही है. हालांकि, इसकी सबसे ज्यादा खेती मणिपुर और असम में ही की जाती है.

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400-500 रूपए किलो बिकता है ये चावल

अगर काले धान से निकलने वाले काले चावल की बाजार में कीमत की बात करें तो इसकी कीमत 400 से 500 रुपये किलो तक होती है. वहीं अगर आप सामान्य चावल मंडी में बेचने जाएंगे तो ये मुश्किल से 30 से 40 रुपये किलो के रेट पर बिकेगा. काले चावल की डिमांड सबसे ज्यादा इंडोनेशिया और अन्य एशियाई देशों में है. हालांकि, जैसे जैसे लोगों को इसके बारे में पता चल रहा है अब भारत में भी धीरे-धीरे लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसलिए अब इसकी डिमांड बढ़ने से अन्य राज्यों के किसान भी इस धान की खेती कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में तो किसानो को इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है और बाजार की डिमांड के हिसाब से किसान इसकी खेती कर रहे हैं.

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